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Paddy Procurement In Haryana: धान खरीद के 48 घंटे के अंदर खाते में पैसे डालने के दावे फेल! भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर सरकार पर साधा निशाना

Paddy Procurement In Haryana हरियाणा में 25 सितंबर 2023 से धान की सरकारी खरीद जारी है. इस साल सरकार ने ऐलान किया था कि धान खरीद के महज 48 घंटे में ही धान के पैसे किसानों के खाते में पहुंच जाएंगे. लेकिन, 4-5 दिन के बाद भी किसानों के खाते में पैसे नहीं आए हैं, जिसके चलते अन्नदाता काफी परेशान हैं. वहीं, भूपेंद्र हुड्डा ने मंडी से अनाज उठान नहीं होने पर सरकार पर निशाना साधा है. (paddy purchase money Government procurement of paddy in Haryana)

Government procurement of paddy in Haryana
धान खरीद के 48 घंटे के अंदर खाते में पैसे नहीं आने से किसान परेशान.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 4, 2023, 7:50 AM IST

Updated : Oct 4, 2023, 2:12 PM IST

धान खरीद के 48 घंटे के अंदर खाते में पैसे नहीं आने से किसान परेशान.

कुरुक्षेत्र: किसानों की धान कटाई का सीजन पूरे जोरों पर चल रहा है, जिसके चलते अनाज मंडी में भारी मात्रा में किसानों की धान पहुंच रही है, वहीं अगर बात करें हरियाणा सरकार के द्वारा धान की सरकारी खरीद 25 सितंबर से शुरू कर दी गई है धान तो किसानों की सही तरीके से खरीदी जा रही है. सरकार ने दावा किया था कि किसानों की धान खरीदने के बाद 48 घंटे के अंदर धान की पेमेंट उनके खाते में होगी. लेकिन, चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी बहुत से किसानों को उनकी धान की पेमेंट उनके खाते में नहीं आई है जिसके चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि कुरुक्षेत्र के किसानों की पेमेंट आने के साथ-साथ करनाल के किसानों के बीच पेमेंट आने में देरी हो रही है.

मंडी में अभी तक नहीं हुआ किसानों की धान का उठान.

4-5 बाद भी किसानों के खाते में नहीं आए पैसे: कमीशन एजेंट रणबीर सिंह कुरुक्षेत्र ने कहा 'धान खरीद का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है, लेकिन उठान में कुछ देरी हो रही है. ज्यादातर किसानों की स्थान जो आज से चार-पांच दिन पहले खरीदी गई है. उनमें से ज्यादातर किसानों के पैसे अभी तक खाते में नहीं आए हैं. हालांकि सरकार के द्वारा यह बात कही गई थी कि पिछले सीजन में किसानों की धान की पेमेंट धान खरीदने के बाद 72 घंटे के अंदर उनके खाते में होगी. उस समय भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.'

भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर साधा निशाना: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है 'धान-बाजरा की खरीद, उठान और भुगतान नहीं होने से किसान परेशान हैं। किसानों को मुआवज़े व MSP से वंचित रखना ही BJP-JJP की अघोषित नीति है। इसलिए जानबूझकर सरकारी खरीद देरी से शुरू की गई और तो और, खरीद शुरू होते ही हमेशा की तरह पोर्टल ने काम करना बंद कर दिया. किसानों के गेट पास से लेकर J और E फॉर्म निकलने भी मुश्किल हो गए.'

किसानों के खाते में जल्द से जल्द पैसे डालने की मांग:कमीशन एजेंट रणबीर सिंह कहते हैं 'इस बार हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस सीजन किसानों की धान की पेमेंट 72 घंटे की बजाए 48 घंटे में उनके खाते में होगी, लेकिन बहुत से किसानों की पेमेंट उनके खाते में नहीं आई है. ऐसे में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसान पूछते भी हैं, लेकिन हमारे पास किसानों को बताने के लिए कोई भी जवाब नहीं होता. सरकार से अपील हैं कि किसानों की धान की पेमेंट जल्दी उनके खाते में डाली जाए.'

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पेमेंट नहीं मिलने से किसान परेशान: मंडी में धान बेचने आए किसान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'करीब चार दिन पहले भी अपनी धान बेची थी और आज फिर तीन चार एकड़ की धान लेकर बेचने के लिए आए हुए हैं. पिछली धान खरीद को करीब चार दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक खाते में धान के पैसे नहीं आए. खाते में धान के पैसे नहीं आने से काफी परेशानी हो रही है. इसलिए सरकार से अपील करते हैं कि जल्द ही उनके पैसे उनके खाते में डाले जाएं.'

4-5 दिन के बाद भी किसानों के खाते में नहीं आए पैसे.

पहले कमीशन एजेंट के माध्यम से आते थे पैसे: बता दें कि कुछ साल पहले तक किसानों की धान खरीद के पैसे कमीशन एजेंट के द्वारा आते थे, लेकिन अब सरकार ने कमीशन एजेंट का बीच में से रोल खत्म कर दिया है. जिसके चलते अगर किसान कमीशन एजेंट से पैसों के बारे में पूछते हैं तो उनके पास कोई भी जवाब नहीं होता. किसानों का कहना है 'कम से कम अगर कमीशन एजेंट के जरिए पैसे आते हैं तो उनके पैसे की सिक्योरिटी तो होती है लेकिन अब उनको पैसे आने का डर भी है और पैसे आने में देरी भी हो रही है. पहले धान कटाई के बाद मजदूर को पैसे देने होते थे तो वह कमीशन एजेंट से पैसे ले लेते थे, लेकिन अब सीधे खाते में आने के चलते कमीशन एजेंट से पैसे भी नहीं मांग सकते.'

हरियाणा में 25 सितंबर से धान की सरकारी खरीद जारी.

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क्या कहते हैं थानेसर नई अनाज मंडी के सेक्रेटरी?: थानेसर नई अनाज मंडी के सेक्रेटरी हरजिंदर सिंह ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए कहा कि 'काफी किसानों के पैसे नहीं आए हैं, जिसका कारण यह है कि किसानों की धान का उठान अभी तक नहीं हुआ है. पिछले वर्ष तक फॉर्म काटने के बाद ही उसकी पेमेंट आने की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार थोड़ा सा बदलाव किया गया है. अब जब किसान की धान की फसल खरीदे जाने के बाद उसका मंडी में से उठान होगा. उठान करने वाली एजेंसी के यहां जब गेट पास काटा जाएगा, उसके बाद किसान की पैसे आने की प्रक्रिया शुरू होती है. पीक सीजन होने के कारण भारी संख्या में किसान धान लेकर मंडी में पहुंच रहे हैं. ऐसे में उठान में भी देरी हो रही है. दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी और किसानों के खाते में उनके पैसे आने शुरू हो जाएंगे.'

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Last Updated : Oct 4, 2023, 2:12 PM IST

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