करनालः पिछले दिनों हरियाणा बरसात के कारण आई बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. राज्य में पंचकूला, अंबाला, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद और यमुनानगर सहित 12 जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इन 12 जिलों में करीब 300000 एकड़ फसल प्रभावित हुई है, वहीं अगर धान की फसल की बात करें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 18000 एकड़ फसल 100% तक खराब हो चुकी है. ऐसी भी हजारों एकड़ फसल है जिसमें 75% तक नुकसान हो चुका है. फिलहाल कृषि विभाग फसल खराबे का सर्वें कर रहा है. रिपोर्ट तैयार होने पर आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. वहीं सरकार नेधान की फसल में 100% तक नुकसान के लिए 15000 प्रति एकड़ मुआवजा देने की बात कही गई है. जिन किसानों ने दोबारा रोपाई की थी या खेत खाली हैं उनके लिए भी सरकार ने मुवावजा देने की बात कही है.
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समस्या यह है कि किसान अब धान की रोपाई दोबारा नहीं कर सकते हैं. इसके चलते खेत खाली रहने की नौबत बात आ गई है. इस समय किसानों के पास धन की रोपाई दोबारा करने के लिए धान की नर्सरी भी नहीं है. इससे किसानों को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान होने की आशंका है. इसी के चलते ईटीवी भारत ने कृषि विशेषज्ञों से बात कर जानने की कोशिश की कि किसान अपने खाली पड़े हुए खेत में अब आने वाले समय कौन सी फसल की बिजाई कर सकते हैं. जिससे किसान नुकसान से उबर कर खाली खेत में एक अतिरिक्त फसल ले सकें.
भारी बारिश और बाढ़ से प्रदेश के 12 जिलों में हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई. सितंबर माह तक इन सब्जियों की कर सकते हैं बिजाईः खरीफ की फसल में कम ही ऐसी फसलें हैं जिनकी अगस्त और सितंबर के महीने में बिजाई कर सकते हैं. हालांकि बागवानी या सब्जियों में विकल्प मौजूद हैं. कई सब्जियों की बिजाई इस महीने या इसे अगले महीने में की जा सकतीे है.
गाजरःबागवानी विभाग से सेवानिवृत्ति वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर सीबी सिंह के अनुसार खाली पड़े हुए खेतों में अगस्त महीने के दिनों में गाजर की खेती हो सकती हैं. गाजर की फसल की अच्छी पैदावार से अच्छी आमदनी हो सकती है. गाजर कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इस समय की लगाई हुई गाजर ऐसे समय में तैयार होगी जब उसका मार्केट में भाव भी अच्छा मिलेगा.
शलजमःखाली पड़े खेत में शलजम की बिजाई कर सकते हैं. इस फसल को सभी प्रकार की भूमि में उगाया जा सकता है. मानसून का सीजन भी लगभग खत्म होने को है. ऐसे में इस फसल की पैदावार अच्छी होगी. फसल की बुवाई करते समय ध्यान रखें कि खेतों में जल-निकासी की व्यवस्था काफी अच्छी हो.
फूलगोभीःफूल गोभी ऐसी फसल है जिसकी खेती पूरे साल की जाती है. यह भारत की प्रमुख सब्जी है. इसको सब्जी, सूप और आचार के रूप में प्रयोग किया जाता हैं. फूल गोभी की फसल लगाने का भी यह अच्छा समय है.
फूल गोभी ऐसी फसल है जिसकी खेती पूरे साल की जा सकती है. पालकःअगस्त और सितंबर के महीने में किसान अपने खाली पड़े हुए खेत में पालक की बिजाई कर सकते हैं. पालक का हरी सब्जियों में विशेष स्थान है. देश के लगभग सभी भागों में रबी, खरीफ और जायद, तीनों सीजन में इसकी खेती की जाती है. बरसात के मौसम और उसके बाद पालक का अच्छा उत्पादन होता है. खाली पड़े हुए खेत में पालक की खेती करने का अच्छा समय है.
धनियाःअगस्त और सितंबर के महीने में हरियाणा में धनिया की खेती भी की जा सकती है. यह बहुउपयोगी मसाला है. इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. साथ ही धनिये की हरी पत्तियों का सभी सब्जियों में इस्तेमाल किया जाता है. इस समय लगाने पर यह ऐसे समय में तैयार होगी जब इसका मार्केट में भाव अच्छा मिलेगा और धान की रोपाई की भरपाई हो जाएगी.
अगस्त और सितंबर में बिजाई से होती है बैंगन की अच्छी पैदावार. बैंगन, टमाटर व हरी मिर्चः इसके साथ ही किसान बैंगन, टमाटर और हरी मिर्च की भी खेती कर सकते हैं इन तीनों सब्जियों के लिए अगस्त और सितंबर का महीना काफी अच्छा होता है, जिसमें बीज का जवाब अच्छे से होता है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है.
खरीफ की फसल का समय चल रहा है. ऐसे में किसान खरीफ की फसल में केवल दलहन में उड़द की फसल की बुवाई अगस्त महीने तक कर सकते हैं . उसके बाद उड़द की बुवाई नहीं की जा सकती. इसकी बुवाई फरवरी से अगस्त तक ही की जा सकती है- कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश शर्मा.
सरसों की फसल के लिए एक माह का इंतजारःसरसों की बुवाई कर सकते हैं, लेकिन इसकी बुवाई करने का समय 15 सितंबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक रहता है. इस समय के दौरान किसान खाली पड़े हुए खेत में सरसों की फसल की बिजाई करके धान में हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. अगर सरसों की सितंबर महीने में बुवाई की जाती है तो उसकी पैदावार भी अच्छी निकलती है.
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