करनाल:सरकार ने भले ही यातायात नियम सख्त कर दिए हों, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी नहीं बदली है. करनाल में ऑटो चालक छोटे-छोटे बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं. ऑटो चालक स्कूली बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने का काम तो कर रहे हैं, लेकिन कैसे ये गौर करने वाली बात है.
जोखिम में है बच्चों की जान
एक ऑटो जिसमें ज्यादा से ज्यादा 8 सवारी बैठ सकती है, उस ऑटो में 12-15 बच्चों को बिठाया जा रहा है. दरअसल अभिभावक भी सुरक्षित सफर के लिए चालक के मन मुताबिक पैसा देता है, लेकिन चालक सुरक्षा न के बराबर दे रहे हैं. इस सफर के दौरान बच्चे मस्ती करते हुए जाते हैं बावजूद इसके ऑटो चालक डांटता तक नहीं है, जिससे सड़क के गड्ढों में बच्चों के गिरने की संभावना बनी रहती है.
हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार?
वहीं स्कूल प्रबंधन भी इन ऑटो चालकों से ज्यादा मतलब नहीं रखते हैं. प्रबंधन के पास न तो चालकों का रिकॉर्ड है न ही उनके सबंध में कोई जानकारी है. ऐसे में यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसका कोन जिम्मेदार होगा. यहीं नही परिवहन विभाग और पुलिस के अफसर भी प्रबंधन की तरह लापरवाह बने हैं जबकि ऐसे ऑटो चालकों पर विभागीय अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए.