करनाल: इस बार हरियाणा में मानसून (Haryana Heavy Rain) कुछ देरी से आया लेकिन जब आया तो अपने साथ आफत लेकर आया. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से हरियाणा में छोटी नहरें ओवरफ्लो हो रही हैं. जिसके कारण उनके टूटने से सिर्फ करनाल जिले में करीब 1 हजार एकड़ फसल तबाह हो चुकी है. जब हमने जिले के नीलोखेड़ी और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों का जायजा लिया तो वहां की तस्वीरें चौंकाने वाली थी.
दरअसल जिला प्रशासन और नहरीय विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. नीलोखेड़ी से होकर गुजरने वाली एक छोटी सी नहर ने ही पूरे गांव को डूबा दिया है. ये नहर तीन जगह से टूट गई है जिसकी वजह से लगभग 100 एकड़ फसल तबाह हो गई. हद तो तब हो गई जब किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सिकायत की तो उन्होंने फोन उठाने ही बंद कर दिए. किसानों का कहना है कि पिछले 5 से 6 दिन हो चुके हैं लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी मदद के लिए नहीं आया.
ये भी पढ़ें:Haryana Rain Update 27 July: हरियाणा में लौट आया मानसून, अगले चार दिन भारी बारिश की चेतावनी
आखिर में थक हारकर ग्रामीणों ने खुद ही नहर की मरम्मत शुरू कर दी और रेत से भरे कट्टों को टूटी हुई जगह पर रखकर पानी रोका गया. लेकिन ये अस्थाई रूप से मरम्मत की गई है और ग्रामीण चाहते हैं की प्रशासन मौके पर आकर इसका स्थाई समाधान निकाले. ग्रामीणों का कहना है कि अगर दोबारा बारिश हुई तो ये बांध फिर से टूट सकता है. वहीं गांव संधीर और बुटाना की करें तो यहां भी यही हाल है. यहां किसानों की 100 एकड़ से ज्यादा की फसल जल्मग्न हो चुकी है और प्रशासन अभी आंखें मूंदे बैठा है.
किसानों ने बताया कि उनके धान की फसल की रोपाई पर अभी तक 10 से 15 हजार रूपये प्रति एकड़ खर्च आ चुका है. लेकिन बारिश ने उनकी महनत पर पानी फेर दिया है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि उनकी खराब हुई फसल की गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए. उनका कहना है कि ये सब नहर विभाग की लापरवाही से हुआ है. अगर समय रहते विभाग के अधिकारी काम करते तो इतना ज्यादा नुकसान नहीं होता. लेकिन अब खेतों में 4 से 5 फुट तक भरा हुआ है और सारी फसल बर्बाद हो गई है.