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गेंहू से अटी पड़ी है करनाल की अनाज मंडी, किसानों को बारिश होने का डर - करनाल अनाज मंडी गेंहू खरीद

जिले की मंडियां गेंहू के कट्टों से भरी पड़ी लेकिन उनका उठान नहीं हो पा रहा है और ऐसे मौसम विभाग ने बारिश की आशंका जताई है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.

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गेंहू से अटी पड़ी है करनाल की अनाज मंडी, किसानों को बारिश होने का डर

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Published : Apr 16, 2021, 3:52 PM IST

करनाल: गेहूं का सीजन जोरों पर है और मंडी में भी गेहूं की बंपर आवक हो रही है लेकिन कमीशन एजेंट और किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो हुई है कि मंडी में से गेहूं का उठान खरीद एजेंसियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है.

जिसके कारण कमीशन एजेंट और किसानों को गेहूं डालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को बरसात होने की आशंका जताई है जिससे किसानों और व्यापारियों की चिंता और भी बढ़ गई है.

गेंहू से अटी पड़ी है करनाल की अनाज मंडी, किसानों को बारिश होने का डर

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करनाल की अनाज मंडी जहां तक भी नजर जा रही है वहां तक गेंहू के बैग ही बैग दिखाई दे रहे हैं लेकिन उठान के लिए कोई भी एजेंसी नहीं आ रही है. जब इस बारे में कमीशन एजेंट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लगभग पिछले 10 दिनों से गेहूं को उठाना नहीं हो रहा, जिस कमीशन एजेंट के पास 5 हजार गेंहू के बैग आए हैं उनमें से केवल 500 बैग ही खरीद एजेंसियों के द्वारा उठाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि मंडी में हालात ऐसे हैं कि उन बैगों को एक जगह इकट्ठा करके रखना पड़ रहा है और फिर किसानों द्वारा लाए जा रहे गेंहू को उतरवाया जा रहा है. अगर आने वाले 2 दिनों में मौसम विभाग के अनुसार बरसात हो जाती है तो उस बरसात से बचाने के लिए मंडी प्रशासन के पास कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं है.

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मंडी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

कमीशन एजेंट ने कहा कि सरकार दावा कर रही है 48 से 72 घंटे के अंदर गेहूं का उठान किया जाएगा, लेकिन पिछले 10 दिनों से गेहूं के बैग मंडी में पड़े हैं और इन्हें उठाने के लिए कोई भी एजेंसी नहीं आ रही है.

कमीशन एजेंट ने कहा कि कई बार इसके बारे में मंडी प्रशासन से वो गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन फिर भी प्रशासन गेहूं उठाने के लिए लापरवाही बरत रहा है और मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना मंडी प्रशासन के द्वारा की जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन ये दावा कर रहा है कि मंडी में से गेहूं का उठान जारी है लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही हैं.

किसानों को बारिश का डर

वही किसानों ने कहा कि जब वो अपना गेहूं अनाज मंडी में लेकर आते हैं उनको कई घंटे इंतजार करना पड़ता है. दूसरे किसान की गेहूं की खरीद होने के बाद उस जगह पर अगले किसान की गेहूं उतारी जाए और साथ ही कुछ कट्टों को एक जगह इकट्ठा करके कमीशन एजेंटों के द्वारा जगह बनाई जा रही है, ताकि जो किसान मंडी में गेहूं लेकर आ रहे हैं उनकी गेहूं उतरवाई जा सके.

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किसानों ने कहा किा गेहूं डालने के लिए कोई शैड नहीं है और अगर शैड है तो उसमें पहले ही गेहूं के कट्टे रखे हुए हैं तो ऐसे में अगर बरसात हो जाती है तो उनकी फसल मंडी में बरसात के पानी के कारण बर्बाद हो जाएगी.

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