करनाल:हिंदू पंचांग में ग्रहों के राशि परिवर्तन और नक्षत्र परिवर्तन के आधार पर ही दिनों की गणना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार मई के महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा जिसके चलते हिंदू पंचांग के अनुसार नौतपा लग जाएगा. वैसे तो सूर्य और उन्हीं नक्षत्र में 15 दिन विराजमान जाता है, लेकिन 9 दिन ज्यादा गर्मी पड़ने के चलते ही 9 दिनों का महत्व होता है. इसलिए उसको नौतपा कहा जाता है. वैज्ञानिक व धार्मिक दृष्टि से नौतपा का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है. क्योंकि इसके आधार पर ही मानसून में होने वाली बरसात का अनुमान लगाया जाता है. इतनी ज्यादा गर्मी पड़ती है, उतनी ही अच्छी बरसात होती है.
नौतपा की कब होगी शुरुआत, कब होगा खत्म:पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नौतपा मे कई भ्रम की स्थिति बनी हुई है. लेकिन अगर हिंदू पंचांग के अनुसार नौतपा की बात करें 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है. जो 2 जून तक रहेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 25 मई को सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और उसके साथ ही नौतपा शुरू हो जाएगा. इन दिनों के दौरान साल के सबसे ज्यादा गर्म दिन माने जाते हैं. इन दिनों के दौरान सूर्य देव पृथ्वी के नजदीक होता है. जिसके चलते सूर्य देव की प्रचंड गर्मी इन दिनों के दौरान देखने को मिलती है. इस साल नौतपा 15 दिन नहीं बल्कि 12 दिन का रहेगा . क्योंकि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 12 दिन तक विराजमान रहेगा.
वैज्ञानिक दृष्टि से नौतपा का महत्व:नौतपा का धार्मिक दृष्टि से जहां बहुत महत्व बताया जाता है, तो वहीं, इसको विज्ञान की दृष्टि से भी जोड़कर देखा जाता है. क्योंकि माना जाता है, कि इन दिनों के दौरान सूर्य देव की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती है. जिसके चलते पृथ्वी पर ज्यादा गर्मी होती है. यह भी माना जाता है कि इन दिनों के दौरान सूर्य की किरणें व प्रकाश समंदर के पानी का वाष्पीकरण तेजी से करता है और उसके बाद वह बादलों में बदल जाता है. इसके आधार पर ही यह अनुमान लगाया जाता है कि अबकी साल मानसून में बरसात कैसी रहेगी.
गर्म लू के साथ तेज आंधी के भी आसार: सूर्य की ज्यादा गर्मी के चलते इन दिनों बहुत ज्यादा तापमान पड़ता है और हरियाणा सहित उत्तर भारत में गर्म हवा चलती हैं. जिसको लू कहा जाता है. इन दिनों में ज्यादा आंधी तूफान चलने के भी आसार रहते हैं. नौतपा के शुरुआती 9 दिनों में भयंकर गर्मी पड़ती है. हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र का स्वामी माना जाता है. लेकिन ज्यादा गर्मी के चलते पृथ्वी को चंद्रमा की शीतलता बहुत कम मिलती है. लेकिन नौतपा के दौरान चंद्रमा भी सूर्य के प्रभाव में आ जाता है जिसे ज्यादा गर्मी पड़ती है.