करनाल: बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस के स्टूडेंट्स के द्वारा सरकार के खिलाफ पिछले 50 दिनों से धरना दिया जा रहा है. पहले यह धरना कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में दिया जा रहा था, लेकिन एक सप्ताह से यह धरना करनाल के लघु सचिवालय के मुख्य गेट के बाहर बैठ कर दिया जा रहा है. आज एमबीबीएस के स्टूडेंट्स ने धरने के 50 दिन पूरे होने होने पर शहर भर में सड़कों पर निकल कर पहले रोष मार्च निकाला.
उसके उसके बाद लघु सचिवालय के बाहर भावी डॉक्टरों के द्वारा पहले मुख्यमंत्री के पुतले का पोस्टमार्टम किया गया और उसके बाद मुख्यमंत्री के पुतले का दहन किया गया. बता दें कि सरकार ने नई बॉन्ड पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. सरकार की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी हो गई है. (Bond Policy Controversy in Haryana) ( new bond policy for MBBS students) (MBBS students protest against CM in Karnal)
बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ करनाल में प्रदर्शन. एमबीबीएस स्टूडेंट भूमिका ने कहा कि वह 50 दिन से बांड पॉलिसी के विरोध में अपनी मांग मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के साथ कई दफा हमारी बात भी हो चुकी है अंतिम बार 30 नवंबर को सरकार के साथ हमारी बात हुई थी, जिसमें सरकार ने सहमति जताते हुए कहा था कि 7 साल की बॉन्ड पॉलिसी का समय 5 वर्ष कर दिया जाएगा. वहीं, 40 लाख रुपये बांड की जगह 30 लाख बॉन्ड भरने होंगे.
हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस स्टूडेंट्स का सीएम के विरोध में प्रदर्शन. आज शहर की कई संस्थाओं व यूनियन ने एमबीबीएस के छात्रों का साथ दिया. साथ ही छात्र-छात्राओं के पेरेंट्स ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया. उनका कहना है कि जब तक हमारी मांग नहीं पूरी होती तब तक हम ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे और आने वाले समय में बड़ा आंदोलन भी हो सकता है. (MBBS students protest against CM in Karnal ) (Mbbs students protest)
बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ करनाल में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन. ये हैं MBBS स्टूडेंट्स की मुख्य मांगें.... - सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो.
- डिग्री पूरी होने के दो महीने में एमबीबीएस छात्र को पोस्टिंग दी जाए, ऐसा नहीं होने पर छात्र को बॉन्ड से मुक्त किया जाए.
- कोई छात्र नौकरी जॉइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए.
- बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है.
- छात्र को अगर पीजी, एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाये.
ये भी पढ़ें:हरियाणा सरकार ने MBBS की नई बॉन्ड पॉलिसी की अधिसूचना जारी की, एक साल के अंदर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी की गारंटी