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वैशाख मास की शिवरात्रि आज: भगवान भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, दूर होंगे सारे कष्ट - मासिक शिवरात्री पूजन का मुहूर्त

Masik Shivratri 2022 : मासिक शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखती है. चैत्र मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता है. शास्त्रों में चैत्र मास का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है

masik shivratri april 2022
वैशाख मास की शिवरात्रि आज: भगवान भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, दूर होंगे सारे कष्ट

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Published : Apr 29, 2022, 11:23 AM IST

Updated : Apr 29, 2022, 11:54 AM IST

करनाल: आज वैशाख मास की शिवरात्रि (masik shivratri april 2022) है. हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि होती है. इस दिन भगवान भोले के भक्त व्रत रखते हैं . शिव भक्तों के लिए यह दिन हमेशा से खास होता है. माना जाता है कि खुद भगवान शिव को मासिक शिवरात्रि का व्रत बेहद प्रिय है. इस दिन अगर पूरे विधि विधान के साथ पूजा -अर्चना की जाए तो भगवान शिव की कृपा भक्त को मिलती है. मासिक शिवरात्रि में खास रूप से भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं वैशाख माह की तिथि, पूजन मुहूर्त और महत्व के बारे में.

मासिक शिवरात्री पूजन का मुहूर्त: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 28 अप्रैल को दिन गुरुवार को रात में 12 बजकर 26 मिनट से आरंभ हो गई, जबकि 29 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी. ऐसे में 29 तारीख को उदयातिथि में चतुर्दशी होने के कारण से पूजा 29 अप्रैल को ही होगी. वैशाख माह की मासिक शिवरात्रि की रात्रि पहर के पूजन का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक (shubh muhurat of aril shivratri) रहेगा.

वैशाख मास की शिवरात्रि आज: भगवान भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, दूर होंगे सारे कष्ट

शिव करेंगे कष्ट दूर: धार्मिक मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी भक्त करते हैं उनके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. अगर जीवन में कोई परेशानी हो तो इस दिन पूरी श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए. भगवान शिव अपने भक्तों को सुख, संपत्ति, संतान, आरोग्य, साहस सब कुछ प्रदान करते हैं. इस दिन स्नान करके शिवलिंग पर जल जरूर चढ़ाना चाहिए.

रात में होती है पूजा-अर्चना (Shivratri pujan vidhi): मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है. व्रती को सुबह से व्रत रखना चाहिए. उसके बाद निशिता काल में पूजा शुरू करने से पहले स्नान करके साफ़ कपड़े पहनना चाहिए. इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, घी, सिंदूर, चीनी और गुलाब जल आदि चढ़ाकर अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय का जाप अवश्य करें. उसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा चढ़ाए तथा धूप दीप जलाकर नैवेद्द्य अर्पित करें. बाद में शिव चालीसा, शिव पुराण और शिव मन्त्र का जाप जरूर करें. इससे भक्तों पर भगवान शिव की असीम कृपा बरसती और उनकी कृपा से असंभव कार्य संभव होने लगते हैं.

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Last Updated : Apr 29, 2022, 11:54 AM IST

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