करनाल: इंसान को सरकार द्वारा चलाए हुए योजनाओं का लाभ लेने के लिए कुछ सर्टिफिकेट बनवाने होते हैं. कुछ इंसान योजनाओं का लाभ लेने के लिए बनवाते हैं तो कुछ अपने आइडेंटी कार्ड के तौर पर बनवाते हैं. वहीं, कुछ ऐसे सर्टिफिकेट होते हैं जिसको हम अपने निजी काम के लिए बनाते हैं. उनमें से एक है मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट. जो इंसान के कई चीजों में काम आता है जिसके लिए अब हर कोई मैरिज रजिस्ट्रेशन करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस में जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर आसान तरीके से और बिना दलाल के कैसे व्यक्ति मैरिज रजिस्ट्रेशन करा सकता है.
अब दलाल के चक्कर में ज्यादा पैसे नहीं करने होंगे खर्च: इंसान को जब भी कोई सरकार से संबंधित काम करना होता है तो इंसान दलालों के चक्कर में फंस जाता है जिसमें वह जल्दी काम करवाने के चक्कर में लागत से ज्यादा पैसे खर्च कर देता है. अगर बात करें मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की तो उसके लिए भी लोग दलालों के पास जाते हैं और दलाल उस व्यक्ति से काफी मोटे पैसे वसूल करके उसका मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. लेकिन, हरियाणा सरकार ने अब दलाल का काम खत्म कर दिया है जिससे लोगों के पैसे भी बचेंगे. व्यक्ति खुद अपने कागज तैयार करवा कर ₹100 से लेकर ₹200 तक की फीस काटकर सीधा ही मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकता है.
सरकार द्वारा अधिकृत वेबसाइट पर जाकर करें रजिस्ट्रेशन: दलालों के चक्कर में ना फंस कर इंसान सीधा सीएससी सेंटर या सरल केंद्र पर जाकर सरकार द्वारा अधिकृत वेबसाइट पर जाकर अपने डॉक्यूमेंट डाउनलोड करें. उसके बाद उसकी फीस काटी जाती है और फिर वह मैरिज रजिस्ट्रेशन ऑफिस के द्वारा वेरीफाई होती है. वेरिफिकेशन होने के बाद आवेदन कर्ता को एक तारीख दी जाती है. उस तारीख पर वह है संबंधित अधिकारी के पास जाकर फिजिकल तौर पर डॉक्यूमेंट दिखा कर अपना मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आपके फाइल की प्रोसेस शुरू हो जाती है.
मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में पति-पत्नी के अलावा और किसकी जरूरत: ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर जब आवेदन कर्ता अपने पूरे डॉक्यूमेंट जमा करवा देता है उसके बाद अपनी डॉक्यूमेंट की फाइल तैयार करके जो रजिस्टर ऑफिस की तरफ से तारीख दी जाती है उस तारीख पर रजिस्टार ऑफिस जाता है तो जिस पति पत्नी को मैरिज रजिस्ट्रेशन करवानी होती है. उन दोनों का होना जरूरी होता है. पति पत्नी के दोनों परिजनों में से माता-पिता को गवाह के तौर पर हाजिर होना होता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र की अगर बात उसमें स्थानीय निवासी दो गवाह को भी वहां पर जाना होता है. वहां पर उनको अपनी हाजिरी के तौर पर सिग्नेचर करने होते हैं और उसके कुछ समय बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन से टिकट बन कर आ जाता है.
वहीं, अगर शादी को 1 साल से ज्यादा का समय हो गया है और उसके बाद कोई भी पति-पत्नी मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनवाना चाहता है. उसके लिए जो पंडित पति-पत्नी की शादी करवाता है उसका आधार कार्ड और उसकी दो फोटो भी साथ में लगाई जाती है. गांव के नंबरदार का गवाह के तौर पर दो फोटो और आधार कार्ड लगाया जाता है. इन सभी डॉक्यूमेंट को तैयार करने के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होता है जिसमें निर्धारित समय के अनुसार ऑनलाइन फीस काटी जाती है. फीस काटने के दौरान ही उनको रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रार के सामने पेश होने के लिए दिन और समय दिया जाता है.