करनाल: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की कमर तोड़कर रख दी है. इस बीमारी से गरीब हो या अमीर, मजदूर हो या उद्योगपति सभी प्रभावित हुए हैं. कोरोना का असर सिर्फ शहरों पर ही नहीं पड़ा, गांव स्तर पर भी लोगों की रीढ़ तोड़कर रख दी. ग्रामीण लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त करके रख दिया. गांव के लोगों के जीवन पर कोरोना का क्या प्रभाव पड़ा ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने करनाल के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया.
लॉकडाउन का ग्रामीण क्षेत्रों में असर
ईटीवी भारत की टीम ने जब गालिबखेड़ी गांव में जाकर किसानों से जाकर बात की तो किसानों ने बताया कि लगातार चले लॉकडाउन की वजह से उनका जीवन काफी प्रभावित हुआ है. सरकार ने सभी मजदूरों को उनके घर भेज दिया है. इससे उनको काफी परेशानी हो रही है. उनका कहना है कि धान की रोपाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं. अगर मजदूर मिल भी रहे हैं तो बहुत मंहगे. ऐसे में किसान क्या करे?
टीम ने जब निगदू गांव के एक श्याम लाल नाम के ड्राइवर से बात की तो उसने बताया कि सरकार की ओर से मिली छूट के बाद से उनको कुछ राहत मिली है. इससे पहले उनके हालात बहुत बदतर हो गए थे. उनके पास खाने के लिए खाना नहीं था. परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया था. उन्होंने गांव में लोगों से उधार लेकर काम चलाया है.