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एशिया की नामी डेयरी संस्थानों में शामिल NDRI का दावा, पशुओं से नहीं फैलता कोरोना वायरस - करनाल राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान न्यूज

ईटीवी भारत की टीम ने एशिया की सबसे बड़ी डेयरी संस्थानों में शामिल एनडीआरआई करनाल के निदेशक मनमोहन चौहान से बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने पशुओं को लेकर फैली अफवाहों को लेकर कई सवालों के जवाब दिए हैं.

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एशिया की नामी डेयरी संस्थानों में शामिल NDRI का दावा, पशुओं से नहीं फैलता कोरोना वायरस

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Published : May 13, 2020, 12:55 PM IST

करनालःदेश में फैले कोरोना वायरस का असर डेयरी संचालकों पर भी साफ देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया पर इस संबंध में कई अफवाहें उड़ रही हैं. इस दौरान एक बात और सामने आई थी कि कोरोना वायरस पशुओं में भी हो सकता है. जिसके बाद से पशु पालकों में भी कोरोना का खौफ लगातार देखा जा रहा था. ऐसे में इन सवालों के साथ ईटीवी भारत की टीम ने एशिया की सबसे बड़ी डेयरी संस्थानों में शामिल एनडीआरआई करनाल के निदेशक मनमोहन चौहान से बातचीत की है.

NDRI के निदेशक मनमोहन चौहान बताते हैं कि संस्थान के अंदर 2500 के करीब मवेशी हैं. जिनमें दुधारू पशु के साथ-साथ मुर्रा नस्ल की भैंस और देसी नस्ल की गाय भी हैं. उनका अच्छे तरीके से ध्यान रखा जा रहा है. इसके अलावा जिन कर्मचारियों की यहां पर ड्यूटी लगी है उनको बकायदा मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

एशिया की नामी डेयरी संस्थानों में शामिल NDRI का दावा, पशुओं से नहीं फैलता कोरोना वायरस

क्या पशुओं से फैलता है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस को लेकर भ्रांतियों को दूर करते हुए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. करनाल स्थित संस्थान के निदेशक डॉ. मनमोहन चौहान ने बताया कि हम तमाम तरह की रिसर्च देख चुके हैं और लगातार देख रहे हैं. देश के साथ दुनिया भर में क्या चल रहा है उस पर लगातार फोकस है लेकिन आज तक कहीं से भी ये कंफर्म नहीं हो सका की कोरोना पशुओं में भी फैलता या फिर पशुओं से भी फैलता है. डॉक्टर चौहान ने कहा कि पशुपालकों को डरने की जरूरत नहीं है बस सावधानी बरतें और अफवाहों पर ध्यान ना दें.

डेयरी इंडस्ट्री पर कोरोना का कितना प्रभाव?

कोरोना के चलते डेयरी इंडस्ट्री पर काफी असर पड़ा है. डॉक्टर चौहान कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण काफी मात्रा में छोटे उद्योग दूध की सप्लाई नहीं कर सके. डेयरी इंडस्ट्री में सुधार के लिए उनको चाहिए कि वो दूध जो उनके पास है उससे पनीर या फिर पाउडर और अन्य प्रोडक्ट बना सकते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन से आवागमन बंद होने के कारण ये भी गतिविधियां बंद पड़ी हैं. इससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति पर असर जरूर पढ़ा है.

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पशुपालकों को क्या करना चाहिए?

पशु पालकों को चाहिए कि वो पशुओं का ख्याल रखें. सुबह और शाम दोनों समय उनको साफ पानी से स्नान करवाएं. पशुशाला में जाने से पहले हाथों को या तो सैनिटाइजर से या फिर साबुन से धो लें. पशुशाला में कम से कम लोग प्रवेश करें. दुधारू पशुओं को मिनरल मिक्चर दें. साथ ही दूध निकालते समय पशुओं के आसपास सफाई जरूर बनाए रखें. इसके अलावा अगर बाहर से फीड नहीं खरीद पा रहे तो घर से चारा और अनाज दे सकते हैं.

NDRI की अपील

जिले प्रदेश और देशवासियों से अपील है कि वो दूध लेने और देने दोनों में सावधानी बरतें. किसी बर्तन या फिर उपकरण से दूर से ही दूध डालें क्योंकि कोरोना दोनों ही स्तर से कहीं से भी फैल सकता है. डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है. डॉ चौहान ने बताया कि हमारे पास टेस्ट के लिए दो मशीनें थी. एक कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और दूसरी रोहतक पीजीआई को दी गई है. करनाल स्थित मशीन से 7 हजार से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं.

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