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JEE मेंस में करनाल की खुशी सिंह को मिले 99.87 प्रतिशत अंक, अब अगला टारगेट है IIT से कंप्यूटर साइंस - jee mains topper

करनाल की खुशी सिंह ने 99.87 प्रतिशत अंकों के साथ जेईई मेंस को क्रैक कर लिया है. खुशी की इस कामयाबी से पूरे जिले व प्रदेश का नाम रोशन हुआ है. खुशी ने मेहनत और लगन को अपनी सफलता का मूल मंत्र बताया है.

khushi singh of karnal got 99.87 percent marks in jee mains examination
khushi singh of karnal got 99.87 percent marks in jee mains examination

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Published : Mar 26, 2021, 7:04 PM IST

करनाल: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से लिए गए ज्वाइंट एंटरेंस एग्जामिनेशन जेईई मेंस के मार्च सेशन में ली गई परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया है. इसमें हरियाणा के करनाल जिले की खुशी सिंह ने 99.87 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. इसके साथ-साथ खुशी को फिजिक्स में 100 प्रतिशत अंक मिले हैं. खुशी की इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल है. वहीं केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली खुशी के तमाम गुरुजनों और प्रधानाचार्य के चेहरों पर रौनक है.

JEE मेंस में करनाल की खुशी सिंह को मिले 99.87 प्रतिशत अंक, देखें वीडियो

खुशी केंद्रीय विद्यालय करनाल कक्षा 12वीं की छात्रा है. इनके पिता वीरेंद्र कुमार सिंह भारतीय वायु सेना के वारंट अफसर के पद पर कार्यरत हैं और अभी नंबर दो हरियाणा एयर एनसीसी करनाल में तैनात हैं. इससे पहले खुशी ने साल 2019 में दसवीं की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन किया. 2019 में ही उसने आरएमओ क्वालीफाई किया था और अब जेईई मेंस क्रैक करके बड़ी सफलता हासिल की है.

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खुशी अपनी इस सफलता के पीछे अपने माता-पिता और शिक्षकों का हाथ बताती है. खुशी की मां रंजना का कहना है कि खुशी बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखती थी. खुशी भविष्य में आईआईटी से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच में डिग्री हासिल करना चाहती है और इस दिशा में उसने अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. वहीं खुशी ने मेहनत और लगन को अपनी सफलता का मूल मंत्र बताया है.

खुशी ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि कोई भी परीक्षा को क्रैक करने के लिए पूरी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करना बहुत जरूरी है. रोजाना कम से कम 8 से 10 घंटे पढ़ाई करनी चाहिए. रट्टाफिकेशन को दरकिनार करते हुए हर कंसेप्ट क्लियर होना चाहिए. खुशी ने बताया कि बच्चों को सब्जेक्ट सहित नोटस जरूर बनाने चाहिए, इससे परीक्षा के समय दोहराने के वक्त आसानी रहती है.

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