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दानवीर कर्ण की नगरी करनाल, रोज सवा मन सोना दान करता था यहां का राजा

महाभारत से जुड़ी कलाकृतियों के साथ-साथ करनाल में पुराने समय के वो गेट भी मौजूद हैं, पहले जिनके अंदर शहर बसा हुआ था और वो रात के समय बंद हो जाया करते थे. अब गेटों को महाभारत काल के शूरवीरों का नाम दिया गया है.

Karnal, the city of Danvir Karna

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Published : Nov 25, 2019, 11:07 AM IST

करनालःमौजूदा वक्त में हरियाणा का सीएम सिटी कहा जाने वाला करनाल, महाभारत के शूरवीर योद्धा और दानवीर कहे जाने वाले कर्ण की नगरी है. कर्ण के नाम पर ही पहले शहर का नाम करनाले पड़ा था और अब करनाल हो गया है.

पांडवों के बड़े भाई थे कर्ण
कहा जाता है कि कर्ण पांचों पांडवों के बड़े भाई थे और सूर्यदेव के प्रताप से कर्ण का जन्म माता कुन्ती के गर्भ से उनके विवाह से पहले ही हो गया था. जिसके बाद लोकलाज के चलते कुन्ती ने कर्ण का त्याग कर दिया था. बाद में महाभारत की लड़ाई में कर्ण ने कौरवों की ओर से युद्ध किया था.

करनाल में कर्ण से जुड़ी कई चीजें
करनाल का अस्तित्व महाभारत काल से ही है. शहर में कर्ण के नाम पर कर्ण गेट, कर्ण ताल और कर्ण पार्क बने हुए हैं. कहा जाता है कि राजा कर्ण तालाब में स्नान करने के पश्चात प्रीतिदिन गरीबों को सवा मन सोना दान किया करते थे. वहीं तालाब के किनारे बैठकर लोगों की समस्याएं भी सुनते थे. ये भी कहा जाता है कि किसी की प्यास बुझाने के लिए कर्ण ने बाण मारकर वहां से पानी निकाला था, जहां पर आज कर्ण ताल है. पहले यह जगह शहर से बाहर हुआ करता था, लेकिन शहर के विस्तार के बाद शहर के अंदर ही आ गया.

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वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल के करनाल से विधायक और बाद में हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्ण पार्क का उद्धार हुआ. मुख्यमंत्री ने कर्ण पार्क को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानकर अधिकारियों को पार्क की दशा को सुधारने के निर्देश दिए, जिसकी सुंदरता आज देखते ही बनती है.

महाभारत से जुड़ी कलाकृतियों के साथ-साथ करनाल में पुराने समय के वो गेट भी मौजूद हैं, पहले जिनके अंदर शहर बसा हुआ था और वो रात के समय बंद हो जाया करते थे. अब गेटों को महाभारत काल के शूरवीरों का नाम दिया गया है.

शहर में केंद्र सरकार के कई संस्थान
लोगों का कहना है कि करनाल को प्रदेश की सरकारों की ओर से ज्यादा कुछ नहीं मिला, लेकिन हरित क्रांति और दुग्ध क्रांति के बाद शहर के आस-पास के गांवों के साथ-साथ शहर का भी विकास हुआ. केंद्र की सरकारों ने शहर का शान बढ़ाने का काम किया और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जैसे संस्थान शहर को मिले.

वहीं करनाल में अब एक मेडिकल यूनिवर्सिटी का संचालन शुरू होने वाला है. जिससे इलाज के लिए रोहतक, दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाले मरीजों को राहत मिलेगी. वहीं स्थानीय विधायक मनोहर लाल के एक बार फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थानीय लोग शहर के और विकास की उम्मीद लगाए हैं.

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