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1000 करोड़ के प्रोजेक्ट्स से भी नहीं बची सीएम सिटी करनाल की साख, स्वच्छता सर्वेक्षण में 30 पाइंट नीचे गिरा ग्राफ - karnal 115 ranking

Karnal Sanitation Survey Ranking: सीएम सिटी करनाल में स्वच्छता सर्वेक्षण का ग्राफ इस बार पिछले साल के मुकाबले और अधिक लुढ़क गया है. इस बार स्मार्ट सिटी को 115वां रैंक मिला है. जो कि पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी कम हो गया है.

Karnal Sanitation Survey Ranking
Karnal Sanitation Survey Ranking

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 11, 2024, 8:41 PM IST

करनाल:स्मार्टसिटी करनाल स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार 115वां रैंक हासिल कर पाया है. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में भी सवाल उठना लाजमी है. क्योंकि सीएम सिटी को संवारने के लिए करीब 1 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. 115 वां रैंक मिलने से स्मार्ट सिटी का सपना कूड़े में ढेर हो गया है. बता दें कि पिछले साल के मुकाबले इस बार करनाल का ग्राफ 30 प्वाइंट नीचे गिरा है. राजनीतिक पटरी से चहेतों को लाभ पहुंचाने की कवायद ने शहर की स्वच्छता का सिर शर्म से झुकाया है.

शहर में प्रोजेक्ट्स: प्रोजेक्ट में करण स्टेडियम का शुद्धिकरण, कैलाश स्टेडियम, कुटेल मेडिकल यूनिवर्सिटी, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्वच्छता सफाई के लिए अलग-अलग ठेके और अधिकारियों की प्रयोगात्मक प्रणाली कुछ के लिए बेशक काफी लाभदायक रही. लेकिन इस बार स्वच्छता रैंकिंग में करनाल का ग्राफ काफी नीचे पहुंच गया है.

इन पैरामीटर पर स्वच्छता सर्वेक्षण: इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण सर्टिफिकेशन सिटीजन वॉइस और सर्विस लेवल प्रोग्रेस के आधार पर किया गया. सर्टिफिकेशन 2500 अंक का था, जिसमें करनाल को 1125 अंक प्राप्त हुए. सिटीजन वॉइस के 2170 थे, जिसमें करनाल को मात्र 1586 अंक मिले. वहीं, सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 4830 अंक रखे गए थे, जिसमें करनाल को 3024.20 अंक मिले. इस बार का सर्वेक्षण पैरामीटर पर किया गया था.

सीएम सिटी का लुढ़का ग्राफ:अगर बीते वर्ष की स्वच्छता रैंकिंग की बात करें तो 2020 में करनाल का 17 वां रैंक था. लेकिन 2021 में 86 वां रैंक था. 2022 में फिर से 85 वां रैंक हासिल किया. लेकिन इस बार 115 रैंक मिलने का सीधा कारण 100 से अधिक स्मार्ट प्रोजेक्ट्स की अनदेखी बनी है. वहीं, कांग्रेस नेता त्रिलोचन की मानें तो आज जारी हुई स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग से टॉप 10 शहरों में करनाल का नाम शुमार होने का ख्वाब मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह टूट गया.

विपक्ष का सरकार पर तंज: कांग्रेस नेता ने आरोप लगाए कि विकास के नाम बिना योजना बने अंधा-धुंध लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट्स में बहुत बड़ा स्कैम है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा स्मार्ट सिटी के नाम पर कई प्रोजेक्ट्स को शुरू कर सिटी को बदसूरत किया जा रहा है. सीधे तौर पर कहें तो विकास किसी काम का नहीं अगर काम का होता तो कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में खास सुविधाएं मिलती और सड़के अतिक्रमण मुक्त होती.

'शहर की अव्यवस्थाओं का रैंक हाई':कांग्रेस नेता ने कहा कि शहर को गांव तक पहुंचाने का नतीजा यह रहा की सिटी सुंदर ही नहीं बन पाई शहर की हर गली में लटकते बिजली के तार टूटी हालत में है. सड़को पर गंदगी के ढेर, अवरुद्ध यातायात स्वच्छता व लोगों में जागरूकता का अभाव ऐसे बहुत से कारण है जिन पर फोकस नहीं किया गया. वहीं, शहर में सफाई व्यवस्था के हालात ऐसे रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहनलाल का विधानसभा क्षेत्र होते हुए भी शहर की सुंदरता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री की साख का भी ख्याल नहीं रखा. जिस कारण सफाई को लेकर इस बार तो 30 पॉइंट लुढ़ककर 115 में रैंक पर पहुंच गया.

गिरते रैंक का जिम्मेदार कौन?: स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 ने करनाल स्मार्ट सिटी की पोल खोल कर रख दी है. करनाल में 242 डंपिंग पॉइंट बनाए गए हैं. लेकिन शहर में आज भी जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. स्वच्छता को करनाल नगर निगम लगातार नजर अंदाज कर रहा है. शहर में शौचालय की हालत इस बात की गवाही देते हैं कि उनका रखरखाव नहीं किया जा रहा. मार्केट कॉलोनी व सेक्टर में बिखरा कचरा कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.

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