करनाल:हरियाणा के करनाल में आज तीसरे दिन भी किसानों का धरना (karnal kisan protest) बरकरार है. अब तक किसान और प्रशासन अपने-अपने रुख पर कायम हैं. वहीं अब चर्चा है कि किसानों का करनाल में धरना होने से हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर खासकर सिंघु बॉर्डर (Singhu Border Farmers Protest) पर चल रहे किसानों का धरना कमजोर हो सकता है, क्योंकि अभी किसानों का मेन फोकस करनाल की तरफ हो गया, लेकिन इस तर्क को किसान नेता अपने सिरे से खारिज कर रहे हैं, उनका कहना है कि उनके पक्के मोर्चे हमेशा मजबूत रहेंगे, इसके लिए पूरी व्यवस्था है.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत सभी किसान नेताओं का कहना है कि करनाल में यहीं सचिवालय पर पक्का मोर्चा बनेगा और धरना चलेगा. किसान तब तक बैठे रहेंगे, जब तक सरकार उनकी बात नहीं मानती. यहां भी दिल्ली के बॉर्डर की तरह धरना लगातार चलता रहेगा. इसपर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने मोर्चे पर बैठे किसानों से भी बातचीत की. इस बातचीत में गोहाना के रहने वाले एक बुजुर्ग किसान राजिन्दर सिंह ने हरियाणवी में कहा कि, 'हमने भी पांच-पांच बालक जाम रखे हैं, कहीं पर भी धरना कमजोर ना होने देंगे'. किसान राजिन्दर सिंह का कहने का मतलब है कि हमने पांच-पांच बच्चों को पैदा किया है, वो मोर्चे पर डटे हुए हैं. हम किसान आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे.
वहीं इस मौके पर गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इतनी आसानी से सरकार मानने वाली नहीं है, लेकिन सरकार नहीं मानती है तो हम भी नहीं मानने वाले हैं. उन्होंने कहा कि वार्ता बार-बार विफल होना सरकार कि बुरी मंशा को इशारा कर रही है. इस धरने के चक्कर में सरकार टिकरी, सिंघु बॉर्डर के घरने को कमजोर करने की फिराक में है, लेकिन सरकार असफल होगी. उन्होंने कहा कि दोनों बॉर्डर्स पर किसान मोर्चा के कई बड़े नेता आज रवाना हो चुके हैं ओर कुछ ने यहां मोर्चा संभाला हुआ है.