करनालःप्रवासी मजदूरों के पलायन ने किसानों की भी परेशानी बढ़ा दी है. लॉकडाउन के चलते अपने घरों की ओर जा रहे मजदूरों के पलायन से किसानों की तैयार फसल अब बर्बाद होने की कगार पर है. करनाल के किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पूरी तरह से पककर तैयार हो चुकी है. ऐसे में अगर गेहूं की कटाई समय पर नहीं हुई तो किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा इसके साथ ही करीब लाखों के नुकसान का भी अनुमान है.
पककर तैयार खड़ी फसल
करनाल में अधिकांश जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है. पूरी फसल 1 सप्ताह में कटने लायक हो जाएगी. लेकिन कोरोना वायरस के संकट के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण आने-जाने के साधन बंद है. ऐसे में गेहूं की फसल की कटाई के लिए कंबाइन चलाने वाले भी नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते किसानों की तैयार गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर खड़ी है. यही नहीं किसानों को हाथ से गेहूं की फसल काटने के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं.
फसलों पर कोरोना का कहर
करनाल के शेखपुरा सुहाना के किसान सुरेंद्र सांगवान ने कहा कि बारिश और ओले गिरने से गेहूं की पैदावार वैसे ही कम होने वाली है. वहीं दूसरी ओर कोरोना का कहर भी उनकी फसलों पर टूट पड़ा है. उनका कहना है कि अगर समय पर फसलों की कटाई नहीं हुई तो वो कर्जे में डूब जाएंगे. इसके अलावा खेत में लगाई गई हरी सब्जियां भी बर्बाद हो जाएंगी.