करनाल:भारत में बच्चों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आते हैं जिसके बाद उन बच्चों को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने और उनकी देखभाल करने के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा बनाए गए निर्भय आश्रय घरों में रखा जाता है. ऐसा ही एक आश्रम करनाल में भी है जहां जाकर ईटीवी भारत की टीम में देखा की यहां कैसे हालात है और बच्चों को लिए कैसा माहौल है.
चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में रह रहें हैं यौन उत्पीड़न के बच्चे
करनाल में निर्भय आश्रय घर सरकार के द्वारा नहीं बनाए गए लेकिन अन्य तीन प्रकार के आश्रम सीडब्ल्यूसी के अंतर्गत चल रहे हैं जिस में यौन उत्पीड़न के बच्चों को उन आश्रमों में दूसरे बच्चों के साथ रखा जाता है जो बच्चे अनाथ, बाल मजदूरी, भीख मांगना आदि जैसे जगह से रेस्क्यू करके लाया जाता है.
यौन उत्पीड़न पीड़ित बच्चों की जिंदगी संवार रहा है चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट करनाल सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन ने बताया कि यौन उत्पीड़न के बच्चों को रखने के लिए विभाग या सरकार के द्वारा निर्भय आश्रम घर ना बनाकर अन्य सामान्य आश्रम में रखा जाता है ताकि दूसरे बच्चों के साथ वो हंसते खेलते रहे.
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आपको बता दें कि जिला उपयुक्त के साथ मिलकर एक कमेटी भी बनाई हुई है जो 3 महीनों में एक बार इन आश्रय घरों का निरीक्षण करती है और स्टेट लेवल कमेटी भी 6 महीने में एक बार निरीक्षण करने जरूर आती है.
चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में बच्चों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध
यौन उत्पीड़न के बच्चे मीडिया के सामने नहीं आए लेकिन इन चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में रह रहे अन्य बच्चों से हमने मुलाकात की और जाना कि यहां उन्हें कैसा महसूस हो रहा है. बच्चों ने कहा कि हम सब यहां एक परिवार की तरह रह रहे हैं और हमें यहां पर अच्छा खाना, पढ़ाई और अन्य सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.
हर 15 दिनों में CWC द्वारा लिया जाता है जायजा
यौन उत्पीड़न के इन बच्चों को चाइल्ड केयर एंड प्रोटक्शन जेजे एक्ट के अंतर्गत सीसीआई में रखा जाता है और यहां पर इन बच्चों के रहन-सहन, खाने-पीने और यहां तक की टेलेंटेड बच्चों को अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलता है. वहीं हर 15 दिनों में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यहां पर हर चीज का जायजा लेने के लिए आती रहती है. वहीं डिस्टिक चाइल्ड प्रोटक्शन टीम भी महीने में दो बार उन स्थानों का दौरा करती है और निरीक्षण करती है कि कहीं किसी भी बच्चे को कोई कमी ना हो.
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बता दें कि 2019 में करनाल जिले में यौन उत्पीड़न के 130 मामले सामने आए थे जब कि 2020 में 117 मामले आए और वहीं 2021 के जनवरी महीने में 6 मामले यौन उत्पीड़न के सामने आ चुकें हैं जिनमें से ज्यादातर बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा उनके माता-पिता तक पहुंचा दिया गया है किया दिया है, केवल 3 बच्चे ही इन चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में पास रह रहे हैं जिनकी देख रेख बहुत अच्छे से की जा रही है.