करनाल:पहले देखा जाता था कि कम पढ़े लिखे लोग किसी अपराध को अंजाम दिया करते थे, लेकिन राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के आधार पर ये सामने आया है कि मौजूदा समय में ज्यादा अपराध पढ़े-लिखे युवा कर रहे हैं. इन दिनों 15 से 30 साल के आयु वर्ग के युवा अपराध में ज्यादा लिप्त दिख रहे हैं. खास कर एसिड अटैक, हत्या, अपहरण, पति-पत्नी के आपसी झगड़े और प्रॉपर्टी के झगड़े प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं.
करनाल में 65% शिक्षित युवा अपराधी!
करनाल में पिछले 3 महीनों के आंकड़े की बात की जाए तो नवंबर 2020 में 749, दिसंबर 2020 में 631 और इस साल जनवरी में 728 एफआईआर दर्ज की गई. यानी की पिछले तीन महीनों में करनाल में कुल 2108 एफआईआर दर्ज की गई हैं. जिनमें से 1340 एफआईआर 35 वर्ष तक के युवाओं के खिलाफ दर्ज हुई हैं. कुल मिलाकर करनाल में 65% शिक्षित युवा जो 35 वर्ष तक के हैं, अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों और किन कारणों से एक पढ़ा लिखा युवा अपराध की दुनिया तक पहुंच रहा है. सबसे पहले ईटीवी भारत ने बात की करनाल के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी शक्ति सिंह से. चौधरी शक्ति सिंह ने कहा कि पढ़े-लिखे वर्ग के लोगों का अपराध की दुनिया में जाना हर वर्ग के लिए काफी चिंताजनक है. इसके लिए कई कारण होते हैं जो आज के समय में शिक्षित वर्ग अपराध की दुनिया में पैर रख रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि डिजिटल दुनिया का हमारे जीवन में शामिल होना एक मुख्य कारण है, क्योंकि आज से लगभग दो दशक पहले डिजिटल दुनिया का हमारे जीवन में कोई चलन नहीं था. उस दौरान सभी भाईचारे से रहते थे. सभी से संबंध अच्छे होते थे, लेकिन डिजिटल की इस बढ़ती दौड़ में हर किसी के पास अपने मोबाइल फोन हैं और वो अपने फोन पर विभिन्न तरह के वीडियो देखते हैं, जिसमें कुछ ऐसे ही वीडियो भी होती हैं जो उन को भ्रमित करती हैं और वो अपराध की दुनिया में चले जाते हैं.