हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

क्या आपके पानी में ऑक्सीजन सही मात्रा में है. ऐसा पानी पीना शरीर के लिए हो सकता है घातक

मानव जीवन ऑक्सीजन पर आधारित होता है. अगर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाए तब इंसान का दम घुटना शुरू हो जाता है. यह ऑक्सीजन हमे पेड़- पौधों से मिलती है लेकिन क्या हमें मालूम है कि पानी में भी ऑक्सीजन होता है. पढ़िए पूरी खबर

By

Published : May 22, 2022, 11:42 AM IST

dissolved oxygen in water
क्या आपके पानी में ऑक्सीजन सही मात्रा में है. ऐसा पानी पीना शरीर के लिए हो सकता है घातक

करनाल: मानव जीवन ऑक्सीजन पर आधारित होता है. अगर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाए तब इंसान का दम घुटना शुरू हो जाता है. यह ऑक्सीजन हमे पेड़- पौधों से मिलती है लेकिन क्या हमें मालूम है कि पानी में भी ऑक्सीजन होता है. अगर उस ऑक्सीजन का स्तर कम या ज्यादा हो जाए तो उसे इंसान से लेकर जीव-जंतुओं तक गहरा प्रभाव पड़ता है और मौत तक हो जाती है.


हरियाणा के में पानी की लैब टेस्टिंग स्टेट हेड और साइंटिस्ट अमित कुमार ने कहा कि हर किसी को पता है कि हमें ऑक्सीजन पेड़ पौधों से मिलती है लेकिन यह बहुत ही कम लोगों को मालूम होगा कि जो पानी हम पीते हैं उसमें भी ऑक्सीजन होता है. इसे हम डिजॉल्व ऑक्सीजन कहते हैं. अगर इसका पानी में स्तर कम या ज्यादा हो जाए तो हमारे स्वास्थ्य पर काफी में गहरा प्रभाव पड़ता है.

क्या आपके पानी में ऑक्सीजन सही मात्रा में है. ऐसा पानी पीना शरीर के लिए हो सकता है घातक

डिजॉल्व ऑक्सीजन वाला पानी सबसे अच्छा- साइंटिस्ट अमित कुमार ने कहा कि जो ऋषिकेश के आस-पास नदियों का पानी होता है उसमें डिजॉल्व ऑक्सीजन 6-7 मिलीग्राम प्रति लीटर के हिसाब से पानी में मिलती है. क्योंकि वह पानी काफी अच्छा होता है. जैसे- जैसे नदियां नीचे आती-जाती हैं उनमें दूषित पानी या अन्य दूसरी चीज मिल जाती है जो हमारे पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन के लेवल को कम कर देती है.

पानी में ऑक्सीजन की कमी से हो सकती है कई बीमारियां- सांइटिस्ट अमित ने कहा कि ट्यूबवेल से जो पानी हमें मिलता है उसमें लगभग 3 मिलीग्राम प्रति लीटर के हिसाब से ऑक्सीजन मिलता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक होता है. अगर उसमे 2 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम ऑक्सीजन रह जाए तो इसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से हमारे अंदर कई बीमारियां हो सकती हैं.

नदियों के पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन 6-7 मिलीग्राम प्रति लीटर के हिसाब से पानी में मिलती है

जलीय जीवों के लिए जरूरी है पानी में ऑक्सीजन- उन्होंने कहा कि कभी- कभी तालाब और नदियों में मछलियां और रहने वाले जीव जंतु मर जाते हैं. इसका मुख्य कारण यह होता है कि उसमें ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिसकी वजह से वह पानी के जीव- जंतु मरने शुरू हो जाते हैं. क्योंकि इंसान को पानी वाले ऑक्सीजन की कम जरूरत होती है. क्योंकि उनको पेड़- पौधों से भी ऑक्सीजन मिलता है लेकिन जो जीव जंतु पानी में रहते हैं वह सिर्फ और सिर्फ पानी में ही मिलने वाले ऑक्सीजन आश्रित रहते हैं. ऐसे में अगर उस पानी में ऑक्सीजन कम हो जाए तो उससे उनकी मौत होनी शुरू हो जाती है.

ज्यादा गर्मी पड़ने से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा होती है कम- अमित कुमार ने कहा कि कहा कि अक्सर गर्मियों में देखने को मिलता है कि ज्यादा गर्मी बढ़ने की वजह से भी पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिससे पानी में रहने वाले जीव जंतु मरने शुरू हो जाते हैं तो ऐसे में जो मछली पालक होते हैं वह अपने पानी को हिलाने डुलाने के लिए मशीन डाल देते हैं जिससे ऑक्सीजन का स्तर बना रहता है. जो पानी स्थिर रहता है उसमें ऑक्सीजन की मात्रा के कम होने का ज्यादा खतरा रहता है.

पानी में हलचल बने रहने की वजह से उसमें ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहती है.

ब्लैक वॉटर में होते हैं कई दोष- हाल ही में क्रिकेटर विराट कोहली को लेकर एक खबर आई थी. इस खबर में बताया गया था कि विराट कोहली ब्लैक वॉटर भी ट्राई कर चुके हैं. इस पानी की कीमत तीन हजार से चार हजार प्रति लीटर के हिसाब से होती है. इसको लेकर जब अमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ब्लैक वॉटर में सिल्वर कण मिले हुए होते हैं. इस वजह उसमें थोड़ी ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है.

उन्होंने कि मेरा मानना है कि जो पानी किसी मशीन द्वारा फिल्टर होकर आता है. वह किसी भी तरीके से अच्छा नहीं हो सकता. क्योंकि उसमें कई तरह के दोष भी पाए जाते हैं जिसकी वजह से उस पानी का मिनरल खत्म हो जाता है. अमित कुमार ने कहा कि झरने से जो पानी लाकर हम पी रहे हैं वह अच्छा पानी माना जाता है. उससे हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है. हमारी फिटनेस भी ठीक रहेगी लेकिन इस तरीके से किसी कंपनी की ऐड करने के ऊपर हम कुछ नहीं कह सकते. उन्होंने कहा बाजार में बिकने वाले पानी मैं अच्छा पानी नहीं मानता.

डिजॉल्व ऑक्सीजन मीटर के जरिए अपने पानी के ऑक्सीजन चेक किया जा सकता है.

ऐसे चेक कर सकते हैं पानी की विजुअल ऑक्सीजन- उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इंसान अपने पानी की विजुअल ऑक्सीजन चेक करना चाहता है तो वह डिजॉल्व ऑक्सीजन मीटर के जरिए अपने पानी के ऑक्सीजन चेक कर सकता है और उसके बाद उसको पी सकता है.

ये भी पढ़ें-करनाल में नहीं RO लगाने की जरूरत: नल से आने वाले पानी की गुणवत्ता है इससे बेहतर, लेकिन पानी की हो रही बर्बादी

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details