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HSGPC Election: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव के लिए 30 सितंबर वोट बनवाने की अंतिम तारीख, जानें प्रक्रिया और नियम

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 28, 2023, 5:21 PM IST

HSGPC Election: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव के लिए 30 सितंबर तक नए वोट बनवाने का समय निर्धारित किया गया है. जानें क्या है नई वोट बनवाने के लिए नियम और शर्तें.

HSGPC Election
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करनाल: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव के लिए 30 सितंबर तक नए वोट बनवाने का समय निर्धारित किया गया है. हरियाणा भर में कोई भी सिख समाज का सदस्य अपना वोट बनवाना चाहता है, तो वो सरकार के नियम के अनुसार अपने वोट के लिए आवेदन कर सकता है. वोट बनने के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जो चुनाव होंगे. वो उसमें किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है और उसमें मतदान कर सकता है.

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वोट बनवाने के बाद महिला/पुरुष आधिकारिक रूप से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पंजीकृत सदस्य बन जाएगा. करनाल उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा में सिख समाज के लोग काफी समय से नई वोट की मांग कर रहे थे. जिसके चलते हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिख समाज के लोगों के लिए नई वोट बनाने की प्रक्रिया शुरू की हुई है. ताकि आने वाले समय हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से करवाया जा सके.

वोट बनवाने के लिए जरूरी नियम: करनाल जिला उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि अगर कोई भी सिख समाज का व्यक्ति हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए अपना वोट बनवाना चाहता है, तो उसकी आयु 18 वर्ष होनी जरूरी है. कमेटी का सदस्य बनने और वोट बनवाने के लिए सिख व्यक्ति का केश धारी होना जरूरी है. सिख व्यक्ति मांस, मदिरा, तंबाकू और नशीले पदार्थ का सेवन ना करता हो. अगर कोई इन शर्तों की पालन करता है. तो वो कमेटी का सदस्य बन सकता है और अपना वोट बनवा सकता है. अगर कोई व्यक्ति इन सभी नियमों का पालन नहीं करता, तो वो वोट बनवाने का अधिकार नहीं रखता.

कैसे और कहां करें आवेदन: जिला उपायुक्त ने बताया कि वोट बनवाने के लिए आवेदन करने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये बिल्कुल फ्री में बनाई जाएगी. इसमें विशेष तौर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की एक मतदाता सूची तैयार की जाएगी. जिनका पंजीकरण प्रत्येक जिला सचिवालय में सरकारी तौर किया जाएगा. इसके लिए आपको अपना बस पहचान पत्र दिखाना होगा.

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जो सिख व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र से संबंध रखता है, तो अपने संबंधित पटवारी से संपर्क कर सकता है. आवेदन करने के लिए पहचान के तौर पर कुछ पहचान पत्र मांगे जाएंगे, जो उसको देने होंगे. जो शहरी क्षेत्र में रहते हैं वो अपनी नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम में तैनात सचिव से संपर्क करके अपना नाम मतदाता सूची में पंजीकरण करवा सकता है. उसके लिए जो दस्तावेज वो मांगेंगे. वो देने होंगे. जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदी.

सिखों ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा: आजादी के बाद से हरियाणा के सभी गुरुद्वारों का संचालन सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर, पंजाब के द्वारा ही किया जा रहा था. जितना भी हरियाणा के गुरुद्वारों में दान आता था. उन सभी का पैसा और अन्य कीमती सामान इकट्ठा होकर अमृतसर गुरुद्वारे में भेजा जाता था. जिसके चलते हरियाणा सिख समाज के लोगों ने इसका विरोध किया और हाई कोर्ट में हरियाणा के सिखों ने अलग कमेटी बनाने के लिए याचिका दायर की.

कई वर्षों तक कोर्ट में मामला चलने के बाद हाई कोर्ट के जज ने माना हरियाणा के सिख समाज का जो पैसा गुरुद्वारों में जाता है. वो हरियाणा में ही रहना चाहिए. हरियाणा के सिख समाज के लोग अपनी नई कमेटी बना सकते हैं. हाई कोर्ट ने हरियाणा के सिखों के पक्ष में ये एक बड़ा फैसला दिया था. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के सिखों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने का आदेश दिया.

जब सिख समाज में बढ़ा विवाद: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जब हरियाणा में अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने का फैसला सुनाया था. उसके बाद से हरियाणा के सिख समाज में प्रधान बनने के चलते कई गुट बने हुए हैं. इसी गुटबाजी को खत्म करने के लिए सिख समाज के लोग हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान और पूरी कमेटी के लिए चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ ही महीनों में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव किए जाएंगे और आधिकारिक रूप पर हरियाणा से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक नया प्रधान मिलेगा.

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अभी तक बदले गए कई प्रधान: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जब हरियाणा सिख समाज के लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया. तब से ही हरियाणा सिख नेताओं में मतभेद देखने को मिला. विवाद इतना बढ़ा की कई बार तो सिख नेताओं में हाथापाई हुई. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारा को हरियाणा का मुख्यालय बनाया है. सबसे पहले बलबीर दादूवाल और जगदीश झींडा अपने आप को हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान कहते थे. इन दोनों में काफी विवाद हुआ. इनके मतभेद को देखते हुए हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2022 में बाबा करमजीत सिंह को हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का नया प्रधान घोषित किया, लेकिन कुछ समय बाद उनके खिलाफ सिख नेताओं के द्वारा आवाज उठानी शुरू हो गई और आपसी विवाद इतना बढ़ गया कि उन्हें हटाकर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का नया प्रधान भूपेंद्र सिंह असंध को बनाया गया.

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