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चंदन की खेती कर एक एकड़ से कमा सकते हैं 30 करोड़ रुपये, जानें क्या है सही तरीका

पारंपरिक खेती को छोड़कर अब किसान नई-नई तकनीक अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. करनाल के किसान पार्थ चंदन की खेती कर दूसरे किसानों के लिए मिसाल बने हुए हैं. जाने कैसे होती है चंदन की खेती और इससे कितना मुनाफा होता है.

How To Start Sandalwood Cultivation
How To Start Sandalwood Cultivation

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Published : Oct 10, 2021, 12:44 PM IST

करनाल: पारंपरिक खेती को छोड़कर अब किसान नई-नई तकनीक अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं करनाल के पार्थ. चंदन की खेती कर पार्थ (Parth Farmer Sandalwood Farming Karnal) पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. पर्थ के मुताबिक चंदन का पेड़ लगभग हर प्रकार की मिट्टी (रेत को छोड़कर) जलवायु और तापमान में उग (Sandalwood Cultivation Benefit) सकता है. चंदन के पेड़ की फसल को गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. चंदन के पेड़ के लिए 12 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है.

चंदन के पेड़ की अच्छी वृद्धि के लिए यही सही तापमान है. करनाल के चोरा गांव (Chora Village Karnal) में पार्थ नाम के किसान ने 5 एकड़ में चंदन के पेड़ लगाए हुए हैं. पार्थ ने कहा कि हरियाणा की जलवायु चंदन लगाया जा सकता है. 400 से 600 पौधे 1 एकड़ में लगाए जा सकते हैं. ये पेड़ बनकर 12 साल में तैयार हो जाते हैं. एक पेड़ से किसान लगभग 60 लाख रुपये आसानी से कमा सकता है. एक किसान 12 साल में 1 एकड़ से लगभग 30 करोड़ कमा सकता है. चंदन की खेती की सबसे अच्छी बात ये है कि चंदन की लकड़ी का रेट है पिछले 30 सालों से आज तक कभी भी कम नहीं हुआ है.

चंदन की खेती कर एक एकड़ से कमा सकते हैं 30 करोड़ रुपये, जानें खेती का तरीका

किसान पार्थ के मुताबिक चंदन के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, ऐसे में इसे लगाते वक्त ये ध्यान रखें कि इसे निचले इलाके में ना लगाएं. चंदन का पौधा लगाने के बाद इसके आस-पास साफ सफाई का ख्याल रखना होता है. इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि इसकी जड़ों के पास पानी का जमाव ना हो. बरसात के मौसम में पानी के जमाव से बचने के लिए आप इसकी मेड़ को थोड़ा ऊपर रखें ताकी पानी का जमाव जड़ के पास ना हो.

दन की खेती कर पार्थ (Parth Farmer Sandalwood Farming Karnal) पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं.

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चंदन के पौधों को हफ्ते में 2 से 3 लीटर पानी की जरूरत होती है. चंदन के पेड़ अपनी सुगंध के लिए लोकप्रिय हैं और इसकी लकड़ी की सामग्री सदियों से उपयोग की जा रही है. भारत में चंदन का पेड़ चंदन या श्रीगंधा के रूप में भी लोकप्रिय है. ये सबसे महंगा पेड़ का पौधा है. इसका उपयोग ज्यादातर कॉस्मेटिक, चिकित्सालय, वाणिज्यक और औषधीय में किया जाता है. चंदन के पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 13 से 16 मीटर और मोटाई 100 सेंटीमीटर से 200 सेंटीमीटर होती है. चंदन का पेड़ भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और प्रशांत दीप समूह में पाया जाता है.

करनाल के चोरा गांव (Chora Village Karnal) में पार्थ नाम के किसान ने 5 एकड़ में चंदन के पेड़ लगाए हुए हैं.

चंदन के पत्तों का उपयोग पशुओं के चारे के लिए भी किया जाता है. चंदन के पेड़ 30 साल की खेती के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. अगर आप जैविक खेती का तरीका बना रहे हैं तो चंदन का पेड़ 10 से 15 साल में मिल सकता है. चंदन दो प्रकार का होते है. एक सफेद चंदन और दूसरा लाल चंदन. उत्तर भारत में सफेद चंदन की खेती सबसे ज्यादा होती है. क्योंकि इसमें 7.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है. वहीं लाल चंदन के पेड़ के लिए 4.5 से 6.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है. यही वजह है कि लाल चंदन की खेती दक्षिण भारत में की जाती है.

एक किसान 12 साल में 1 एकड़ से लगभग 30 करोड़ कमा सकता है.

किसान पार्थ ने बताया कि चंदन का अकेला पौधा नहीं लगाया जा सकता. इसके साथ होस्ट पौधा भी लगाना होता है. अगर उसके लगाए बिना हम चंदन के पौधे को लगाते हैं, तो वो खत्म हो जाते हैं. इसलिए चंदन के पौधे के साथ होस्ट पौधा लगाना जरूरी है. दरअसल होस्ट के पौधे की जड़ें चंदन की जड़ों से मिलती हैं और तभी चंदन का विकास तेजी से होता है. किसान होस्ट के पौधों को चंदन के पौधों से 4 से 5 फीट की दूरी पर लगा सकते हैं.

चंदन के पेड़ के लिए 12 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है.

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पार्थ ने कहा कि जानकारी के अभाव में अभी किसान हरियाणा में चंदन की खेती नहीं कर रहे हैं. क्योंकि पहले चंदन की खेती पर बैन था, लेकिन अब सरकार ने ये बैन हटा दिया है. 2017 से पहले हरियाणा में चंदन की खेती करना गैरकानूनी था, लेकिन अब सरकार ने इस खेती को मंजूरी दे दी है. किसान के पिता ने कहा कि हमने सोचा कि परंपरागत खेती से कुछ नहीं मिलता, इसलिए कुछ अलग किया जाए और उन्होंने चंदन की खेती करने की सोची. जो यहां पर पूरी तरीके से सफल हो गई है. अब हमारे साथ और भी काफी के साथ जुड़ रहे हैं और इस खेती को अपना रहे हैं.

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