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केंद्रीय बजट से महिलाओं ने लगाई उम्मीदें, बोली- महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर दिया जाए जोर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पेश करने वाली हैं. ऐसे में ईटीवी भारत केंद्रीय बजट से संबंधित हर विषय से जुड़े सभी मुद्दों पर खास सीरीज चला रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम महिलाओं के बीच पहुंची और जाना कि इस बार बजट में उन्हें केंद्र से क्या उम्मीदें हैं.

Haryana women expectations from union Budget
Haryana women expectations from union Budget

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Published : Jan 31, 2022, 7:39 PM IST

करनाल: एक फरवरी यानी मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. ऐसे में कोरोना महामारी से जूझ रहे देशवासियों को केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने देश की महिलाओं से जानने की कोशिश की कि उन्हें इस बजट (Haryana women expectations from union Budget) से क्या उम्मीदें हैं. इस बजट से आम आदमी काफी उम्मीदें लगाए बैठा है.

इस बजट से महिलाओं को भी काफी उम्मीदें हैं. पिछले दो-तीन साल से महिलाओं का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है, क्योंकि महंगाई अपने चरम पर है. ईटीवी भारत से बात करते हुए महिला खाप की प्रधान संतोष दहिया ने बताया कि हमें सरकार से अबकी बार काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि महिलाओं के लिए जो सरकार योजना लेकर आती है, उसका लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा और महिलाओं पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

केंद्रीय बजट से महिलाओं ने लगाई उम्मीदें, बोली- महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर दिया जाए जोर

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संतोष दहिया ने कहा कि रसोई से लेकर शिक्षा तक सरकार को महिलाओं के बारे में सोच कर ही बजट पेश करना चाहिए ताकि हमारे देश की महिला भी पुरुषों की तरह आगे बढ़ सकें और अपने देश का नाम रोशन कर सकें. संतोष दहिया ने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं तो लाती है, लेकिन वह धरातल पर लागू नहीं हो पाती. जिससे महिलाएं को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है.

केंद्रीय बजट में हरियाणा की महिलाओं की मांग

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा आज से 7 साल पहले हरियाणा के पानीपत से दिया था, उसके बावजूद प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. हर रोज रेप व प्रताड़ित होने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिसके लिए सरकार को महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा पर अधिक जोर और बजट में अधिक राशि प्रदान करने की आवश्यकता है. साथ ही जो बजट पहले महिला सुरक्षा के लिए तय किया गया था उसे भी खर्च करवाया जाए.

एक अन्य महिला अंजली ने कहा कि हमारे रसोई का बजट लगातार बिगड़ता जा रहा है, जो आज से तीन-चार साल पहले 5 हजार में रसोई का बजट बनता था अब वह दोगुना होकर लगभग 10 हजार रुपये महीना बढ़ गया है. कोरोना के इस दौर में पहले ही काम धंधे बंद हैं और ऊपर से इतनी महंगाई के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इसलिए अंजली ने सरकार से महिलाओं की रसोई को ध्यान में रखकर ही नया बजट पेश करने की मांग की है, जिससे उनको कुछ राहत मिल सके.

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