धान खरीद न होने से किसान परेशान करनाल:हरियाणा में धान की खरीद न होने से किसान परेशान है. मंडियों में धान और बाजरे की फसलें अटकी पड़ी हैं और अभी लाखों क्विंटल फसल का आना बाकी है. लेकिन सरकार ने आवक पर रोक लगा दी है. जिसकी वजह से किसानों को कई-कई घंटे लाइनों में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं, किसानों का कहना है कि अनाज मंडी में फसल की आवक तेज है, जबकि उठान धीमा है. किसानों ने बताया कि उनको फसलों के उचित दाम भी नहीं मिल रहे हैं.
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हरियाणा सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि हरियाणा की अनाज मंडियों में खरीफ फसलों की खरीद की जा रही है. लेकिन धान की खरीद को लेकर कई अनाज मंडियों की व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रहा है. करनाल अनाज मंडी में धान की आवक तेज और उठाव न होने से अनाज मंडी के बाहर ट्रालियों की लंबी लाइनें लगी है. वहीं, दूसरी ओर धान का उचित मूल्य न मिलने से भी किसानों में रोष है.
गेट पास के लिए मंडी में लगी लंबी कतारें बता दें कि करनाल अनाज मंडी में धान की बंपर आवक हुई है. मंडी में धान की सैकड़ों ट्रालियां पहुंचने से रास्ते जाम हो गए. जिससे किसानों समेत अन्य लोग भी परेशानी का सामना करते नजर आ रहे हैं. रात के समय से ही अनाज मंडी के बाहर किसानों द्वारा ट्रालियां लाइनों में लगाई जा रही हैं. सुबह मंडी में 6 बजे गेट पास करना शुरू होता है, तब तक मंडी के बाहर ट्रालियों का हुजूम लग जाता है.
करनाल अनाज मंडी पहुंचे किसानों का आरोप है कि मंडियों में व्याप्त अव्यवस्था व किसान की बेकद्री हो रही है. उन्होंने कहा कि लाखों मीट्रिक टन धान मंडियों में अटका पड़ा है. जहां प्रदेश सरकार 48 घंटे में फसल भुगतान का वादा करती आ रही है, जो कि पूरा नहीं हो पा रहा है. दूसरी ओर कंबाइन की कटाई के कारण धान में नमी अधिक है. इस कारण से खरीद में देरी हो रही है.
किसानों ने बताया कि मंडी में सबसे बड़ी समस्या गेट व गेट पास की है. शाम 7 बजे मंडी के गेट को बंद कर दिया जाता है और सुबह 6 बजे खोला जाता है. दूर दराज से सुबह 3 बजे धान लेकर आ रहे किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है. दोपहर तक ट्रालियां खाली नहीं हो पाती और पीछे खेतों में भी सारा काम रुक जाता है.
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किसानों का कहना है कि एमएसपी पर फसल खरीदना एक कोरा झूठ है. किसान को उसकी फसल के पूरे दाम नहीं मिल रहे हैं. किसानों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार मंडी की व्यवस्थाओं का सुधार करें और फसल के उचित दाम दिलवाएं. किसानों ने बताया कि धान खरीद का सरकारी रेट 2203 रुपये चल रहा है, लेकिन उनकी फसल केवल 1900 से 2 हजार तक के रेट में बिक है.