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6 दिन बाद सरकार ने मानी मिलर्स की मांगें, अब लेंगे धान खरीद में हिस्सा - हरियाणा सरकार मिलर मांग

सरकार ने राइस मिलर्स की मांगें मान ली है. जिसके बाद आज से सरकारी ठेकेदार के साथ मिलर्स भी वाहनों से मंडियों से उठान करेंगे.

haryana government accepted demands of rice millers
6 दिन बाद सरकार ने मानी मिलर्स की मांगें, अब लेंगे धान खरीद में हिस्सा

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Published : Oct 3, 2020, 10:53 AM IST

करनाल: 6 दिन से मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे प्रदेश के राइस मिलर्स की सरकार ने सुन ली है. शुक्रवार शाम को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और अधिकारियों के साथ मीटिंग में सरकार ने मिलर्स की मांगें मानी ली है. इसके बाद मिलर्स ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है.

करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने करनाल नई अनाज मंडी का दौरा करके धान खरीद व्यवस्था का जायजा लिया और किसानों की समस्याओं का समाधान किया. इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि राइस मिलर्ज की हड़ताल खत्म हो चुकी है, अब सरकारी खरीद एजेंसियों के साथ मिलर्ज भी धान की खरीद का काम करेंगे, इसलिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. उनकी फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा.

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उपायुक्त ने सरकारी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो 19 प्रतिशत तक की नमी वाली धान को भी खरीदना सुनिश्चित करें. किसानों को कोई दिक्कत ना आने दी जाए. उन्होंने आढ़तियों और किसानों से भी धान खरीद के कार्य में अपना पूर्ण सहयोग देने की अपील की. उन्होंने स्पष्ट किया कि 24 घंटों के अंदर मंडियों से धान का उठान हर संभव तरीके से किया जाएगा.

इन मांगों पर बनी सहमति:

  1. मिलर्स को अपने वाहनों की लिस्ट देनी होगी. सरकार के ठेकेदार भी मंडियों से धान उठा कर शैलर तक पहुंचाएंगे.
  2. मिलर्स भी वाहनों से धान मंडियों से शैलर तक ला सकेंगे. इसे लेकर एजेंसियों के साथ तालमेल करना होगा.
  3. शैलर मालिकों को खरीदे गए धान को सुखा कर चावल बनाने की भी छूट सरकार ने दी है.
  4. सरकार ने मिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन जिलास्तर की बजाए चंडीगढ़ मुख्यालय में कर दिया था, जिसका मिलर विरोध जता रहे थे. अब सरकार ने मिलिंग रजिस्ट्रेशन जिलास्तर पर करने की बात मान भी ली है.

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