करनाल: कृषि कानूनों के वापस होने और सरकार की प्रस्ताव पर किसानों की सहमति बनने के बाद किसान आंदोलन स्थगित (farmer protest postponed) हो गया. ऐसे में किसानों की घर वापसी लगातार जारी है. दिल्ली बॉर्डर से लगातार किसानों का जखीरा अपने-अपने घरों की तरफ कूच कर रहा है.
देर रात करनाल के गुरूद्वारा डेरा कार सेवा में दिल्ली बॉर्डर से लौट रहे किसानों ने शरण ली. भाकियू अध्यक्ष (चढूनी ग्रुप) गुरनाम सिंह चढूनी भी किसानों के साथ गुरूद्वारे में रूके. इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने (Gurunam Singh Charuni statement) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया सबसे हठी प्रधानमंत्री बताया. चढूनी ने कहा कि यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है. इस जीत का सेहरा उन किसानों के सिर जाता है जो इस आंदोलन में शहीद हुए हैं.
चढूनी ने बताया कि 15 दिसंबर को दोबारा फिर से मीटिंग रखी गई है. जिसमें हमारी जो मांगे रह गई है उनको इस मीटिंग में रखा जाएगा. अभी हमने सिर्फ अपना धरना स्थगित (farmer protest postponed) किया है, खत्म नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि कानून की वापसी होने के साथ ही कई बड़े-बड़े पूंजीपतियों के ईरादों पर पानी फिर गया.