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गार्बेज फ्री करनाल में लगे कचरे के ढेर, उत्तर भारत के सबसे साफ शहर का मिला है दर्जा

शहर में गंदगी के अंबार के चलते लोग अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर ही सवाल खड़े कर रहे है कि अगर खट्टर साहब के इलाके का यह हाल है तो बाकी शहरों का क्या होगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले को लेकर कई बार नगर निगम से शिकायत की गई. लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Garbage free Karnal piles of garbage

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Published : Nov 21, 2019, 12:43 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 12:48 PM IST

करनालःहरियाणा के सीएम सिटी करनाल को पिछले दिनों कचरा मुक्त घोषित कर दिया गया. सफाई व्यवस्था के लिए शहर को पूरे देश में 3 स्टार दिए गए. जबकि उत्तर भारत में करनाल सबसे साफ शहर का दर्जा मिला है.

कई इलाकों में गंदगी का ढेर
इसी का जायजा लेने के लिए हमारी टीम ने शहर में अलग-अलग जगहों पर पहुंची और पाया कि शहर के सदर बाजार, कर्ण पार्क के शौचालय, इब्राहिम मंडी में कचरे का ढेर लगा हुआ है. जहां पर गाय और सुअर कचरे में अपना आहार तलाशते रहते हैं. कई जगहों पर डस्टबिन गंदगी से अटे पड़े हैं. नालों में वैसी ही गंदगी है.

सीएम निवास के पास कचरे का अंबार
सीएम सिटी करनाल को स्मार्ट सिटी का दर्जा हासिल है. लेकिन शहर के प्रेम नगर में बने मुख्यमंत्री निवास से महज 100 मीटर की दूरी पर ही कूड़ा-करकट सड़क पर फैला पड़ा है. स्थानीय लोगों ने बताया के मुख्यमंत्री के निवास स्थान के कुछ दूरी जहां गंदगी पड़ा है, वो गंदगी फेंकने की जगह नहीं है. लेकिन नगर निगम कर्मचारी सारे इलाके का कूड़ा करकट इस सड़क पर फेंक देते हैं, जिससे यहां पूरे दिन मक्खी, मच्छर और बदबू फैलते रहते हैं. जिसके चलते आसपास के लोगों का जीना दूभर हो गया है.

कूड़े के ढेर के पास में ही नगर निगम की ओर से रैन बसेरा बनाया गया है. जोकि राहगीरों और बुजुर्गों के लिए होना चाहिए, लेकिन यहां पर नशेड़ियों का कब्जा रहता है. प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी रात के समय निरीक्षण करने नहीं आता.

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स्थानीय लोग सीएम पर खड़े कर रहे सवाल
जिसके चलते लोग अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर ही सवाल खड़े कर रहे है कि अगर खट्टर साहब के इलाके का यह हाल है तो बाकी शहरों का क्या होगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले को लेकर कई बार नगर निगम से शिकायत की गई. लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

नगर निगम ने सफाई देकर झाड़ा पल्ला
वही जब इसके बारे में नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर धीरज कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नगर निगम कोई भी ऐसा दावा नहीं करता कि उन्होंने करनाल को पूरी तरह से साफ कर दिया है. लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत की टीम ने जिन अव्यवस्थाओं के बारे में बताया है, उस पर कार्रवाई कर जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा.

इसके साथ ही नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर ने दावा किया कि शहर का सर्वेक्षण करके वाली टीम ने निष्पक्ष तरीके से सर्वे किया है. जिसके चलते करनाल को उत्तर भारत का सबसे साफ और देश का तीसरा सबसे साफ शहर घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि करनाल ने देश के कई शहरों को पछाड़ कर ये उपलब्धि हासिल की है.

ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर उत्तर भारत के सबसे साफ शहर करनाल में कचरे का अंबार है तो इससे पिछड़ने वाले बाकी शहरों की क्या हालत होगी ?

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Last Updated : Nov 21, 2019, 12:48 PM IST

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