हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

Ganesh Chaturthi 2023: राशियों के मुताबिक घर लाएं गणपति बप्पा की मूर्ति, मिलेगा सभी परेशानियों से छुटकारा, भूलकर भी ना करें ये काम

भारत में गणेश उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश उत्सव 10 दिन का होता है. पहले दिन गणपति भगवान को अपने घर में लेकर आते हैं और उसको अपने घर में विराजमान करते हैं. जिसके बाद गणपति भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. 10वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है. जानें गणपति बप्पा को अपने घर लाने का शुभ मुहूर्त क्या है और कौन सी राशि के लिए कौन से रंग के गणपति की प्रतिमा शुभ रहेगी.

ganesh chaturthi 2023
ganesh chaturthi 2023

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 15, 2023, 6:13 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 7:03 AM IST

करनाल: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि के साथ गणेश उत्सव शुरू हो जाता है. भारत में गणेश उत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. जिसकी शुरुआत इस साल 19 सितंबर से हो रही है. गणेश उत्सव 10 दिन का होता है. पहले दिन गणपति भगवान को अपने घर में लेकर आते हैं और उसको अपने घर में विराजमान करते हैं. जिसके बाद गणपति भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. 10वें दिन उनका विसर्जन किया जाता है.

भगवान गणेश को शुभ का प्रतीक माना जाता है. अगर कोई भी मांगलिक या धार्मिक कार्य करते हैं, तो उन सब में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. इसलिए गणेश उत्सव का काफी महत्व है. गणेश की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है और गणपति भगवान धन की वर्षा करते हैं. हम आपको बताते हैं कि गणपति बप्पा को अपने घर लाने का शुभ मुहूर्त क्या है और कौन सी राशि के मनुष्य के लिए कौन से रंग का गणपति शुभ रहेगा.

गणपति मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना अगर शुभ मुहूर्त में की जाए तो उस पर भगवान श्री गणेश अपनी कृपा बनाए रखते हैं और उनको सुख समृद्धि अर्पित करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का आरंभ 18 सितंबर दोपहर 12:39 से होगा और समापन 9 सितंबर को दोपहर 1:43 पर होगा. सनातन धर्म में किसी भी व्रत में त्योहार सूर्योदय तिथि के साथ मनाया जाता है.

इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन रवि योग भी बनता हुआ दिखाई दे रहा है. जिसका समय 19 सितंबर को सुबह 6:08 से शुरू दोपहर 1:48 तक रहेगा. इस समय गणपति भगवान की प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर सकते हैं. अगर कोई गणपति बप्पा को पहले ही अपने घर पर लाना चाहते हैं, तो 18 सितंबर के दिन अभिजीत शुभ मुहूर्त है. जिसका समय 11:51 से शुरू होकर 12:40 तक रहेगा.

इस दिन 12 बजे के बाद रवि योग भी बन रहा है. इस दौरान भगवान गणपति की प्रतिमा अपने घर लेकर आ सकते हैं. अगर कोई कारणवश इस समय गणपति बप्पा के प्रतिमा नहीं ला सकता, तो 18 सितंबर के दिन शुभ चौघड़िया मुहूर्त भी बन रहा है. जिसका समय सुबह 6:09 से शुरू होकर शाम के 3:19 तक रहेगा. इस समय के दौरान भी भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर ला सकते हैं.

राहुकाल का समय: जो भी इंसान गणपति भगवान की प्रतिमा को एक दिन पहले अपने घर पर लाना चाहता है, तो उसको इस बात का ध्यान रखना है कि उस दिन 18 सितंबर को राहुकाल भी लग रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार राहुकाल में भूल कर भी गणपति बप्पा को अपने घर नहीं लाना चाहिए. 18 सितंबर को राहुकाल का समय सुबह 7:39 से शुरू होकर सुबह 9:11 तक रहेगा. इस दौरान भूल कर भी गणपति बप्पा की प्रतिमा को अपने घर पर ना लाए.

पूजा के दौरान गणपति बप्पा पर क्या चढ़ाएं? पंडित विश्वनाथ ने बताया कि गणपति बप्पा की पूजा के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है जैसे कि गणपति बप्पा को सबसे प्यारे लड्डू और मोदक होते हैं. इसलिए सबसे पहले उनको ये दोनो अवश्य चढ़ाएं, शास्त्र में बताया गया है कि जो भी भगवान श्री गणेश को ये दोनों चीजें चढ़ाता है, तो भगवान गणेश उनकी सभी मनोकामनाएं पूरा करते हैं.

पूजा के दौरान इस्तेमाल होने वाली सामग्री: पूजा के लिए लाल कपड़ा, गंगाजल, इलायची, लौंग, जल कलश, सुपारी, पंचामृत, रोली, अक्षत, लाल फूल, सिंदूर, जनेऊ, नारियल, कपूर, चंदन, पंचमेवा, धुर्वा आदि को अपनी पूजा की सामग्री में शामिल करें और उनको भगवान गणेश को अर्पित करें.

पूजा की विधि: गणेश चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान इत्यादि करके मंदिर में भगवान श्री गणेश प्रतिमा को स्थापित करें और उनके आगे देसी घी का दीपक जलाएं, प्रतिमा स्थापित करने से पहले प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान को गंगाजल से साफ कर लें, फिर उनको गंगाजल का अभिषेक करें. गणेश चतुर्थी के दिन अगर कोई व्रत रखना चाहता है, तो वो व्रत भी रख सकता है.

28 सितंबर को विसर्जन: दीपक जलाने के बाद भगवान गणेश को फल-फूल और मिठाई अर्पित करें, ऊपर लिखे हुए जितनी भी सामग्री है. अपनी पूजा में उन सबको शामिल करें और भगवान श्री गणेश को अर्पित करें. अंत में भगवान गणेश की आरती करें. गणेश उत्सव के दिन हर रोज विधि विधान से ऐसे ही पूजा करें और 28 सितंबर को उनका विसर्जन करें.

गणेश उत्सव का महत्व: सनातन धर्म में मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. जो गणेश उत्सव 10 दिन चलता है. अगर कोई भगवान गणेश की पूरे विधि विधान से इन 10 दिनों में पूजा अर्चना करता है, तो भगवान उनकी सभी परेशानियां दूर कर देते हैं और उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.

कौन सी राशि के लिए कौन से रंग का गणपति बप्पा रहेगा भाग्यशाली: गणपति गणेश उत्सव में जो भी भगत अपने घर गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करना चाहते हैं. वो अपनी राशि के हिसाब से उसका रंग चुनकर ही गणपति बप्पा की प्रतिमा अपने घर पर लाए, जो उनके लिए काफी शुभ रहेगा.

  • मेष राशि के लोग अपने घर पर लाल रंग के गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करें.
  • वृषभ राशि के लोग हल्के पीले रंग का गणेश अपने घर ले जाएं, ऐसा करने से उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी.
  • मिथुन राशि वाले लोग हल्के हरे रंग की गणेश भगवान की मूर्ति अपने घर लाएं
  • कर्क राशि के लोग अपने घर पर सफेद रंग के गणपति बप्पा की मूर्ति लाएं
  • सिंह राशि के लोग सिंदूरी रंग की प्रतिमा लाएं
  • कन्या राशि के लोग अपने घर गहरे हरे रंग की मूर्ति स्थापित करें
  • तुला राशि के लोग अपने घर चमकीले रंग की मूर्ति स्थापित करें
  • वृश्चिक राशि के लोग सफेद और लाल रंग के वस्त्र पहने हुई प्रतिमा स्थापित करें
  • धनु राशि के लोग अपने घर पर नारंगी और पीले रंग की मूर्ति स्थापित करें
  • मकर राशि के लोग अपने घर पर श्यामल रंग की भगवान गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करें
  • कुंभ राशि के लोग अपने घर पर नीले रंग के दुपट्टे पहने हुए वाली मूर्ति स्थापित करें, लेकिन खास ध्यान रखें कि इस राशि वाले वो ही लोग प्रतिमा लेकर आएं. जिसमें भगवान गणेश खड़े हुए हो.
  • मीन राशि के लोग अपने घर पर पीले रंग की मूर्ति स्थापित करें.
Last Updated : Sep 18, 2023, 7:03 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details