करनाल:हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का बहुत महत्व है. इसे गणेश चतुर्थी या फिर विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. भगवान गणेश को विनायक के नाम से भी जाना जाता है. कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली चतुर्थी को संकटी चतुर्थी कहा जाता है. ये चतुर्थी नवरात्रि के दौरान पड़ रही है इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
गणेश चतुर्थी कब है- पंचांग के अनुसार चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 25 मार्च को मनाई जा रही है. इसका प्रारंभ 24 मार्च को शाम के 4:59 बजे से होगा जबकि समापन 25 मार्च को शाम 4:23 बजे होगा. इस दौरान भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त का समय 25 मार्च को सुबह 11:14 से दोपहर 1:41 तक रहेगा. शास्त्रों में बताया गया है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र देव के दर्शन नहीं करना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. चतुर्थी के दिन चंद्र उदय 8:30 पर होगा. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी के दिन चांद देख लिया था जिसके बाद उनके ऊपर मणि चोरी करने का आरोप लगा था.
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गणेश चतुर्थी पूजा विधि-करनाल के पंडित विश्वनाथ ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दिन मनुष्य को सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए. इसके बाद भगवान गणेश को जल अर्पित करना चाहिए. भगवान गणेश की पूजा करने के बाद व्रत रखने का संकल्प लिया जाता है. पूजा के दौरान भगवान गणेश को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं. पूजा के साथ ही भगवान गणेश को फूल माला व मिठाई का भोग लगाएं. मंदिर मे दीपक जलाकर भगवान गणेश की आरती करें. दिन के दौरान भगवान गणेश की पूजा अर्चना और उसका पाठ करते रहें और आरती करें. शाम के समय गणेश जी को भोग लगाकर गरीबों को भोजन खिलाएं और उसके बाद अपना व्रत खोलें.
गणेश चतुर्थी का महत्व- शास्त्रों में बताया गया है कि हिंदू धर्म में किसी भी प्रकार की पूजा का आरंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. क्योंकि भगवान विनायक को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान गणेश की पूजा करता है और व्रत रखता है उसके परिवार में सुख समृद्धि और लाभ की प्राप्ति होती है. कई प्रकार के कष्टों से मनुष्य को छुटकारा मिल जाता है. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करते हैं उनके बुद्धि और ज्ञान में बढ़ोतरी होती है और सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं.
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