करनाल: हरियाणा में सब्जियों के भाव एक बार फिर आसमान छू रहे हैं. महंगाई की रेस में सबसे आगे हरी सब्जियां निकल गई हैं. लोग कोरोना और बाजार की पस्त हालत के चलते पहले से ही परेशान हैं. ऊपर से महंगाई ने कोढ़ में खाज का काम किया है. महंगाई का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि अगर आप नींबू की शिकंजी पीने का शौक रखते हैं तो एक नींबू 10 रुपये से कम का नहीं मिलेगा. प्रतिकिलो की बात करें तो 180-200 रुपया बिक रहा है.
महंगाई की दौड़ में भिंडी, परवल, खीरा, घीया, तोरई समेत अन्य हरी सब्जियों के भाव चढ़े हुए है. परवल, भिंडी तो 20 रुपये का 250 ग्राम बिक रहा है. वहीं नीम चढ़ा करैला भी 60-70 रुपया प्रतिकिलो बिक रहा है. हालांकि आलू व प्याज के भाव मंडी में काफी कम है. जबकि टमाटर के दाम में भी रोजाना उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. गर्मी के दिनों जो हरी सब्जी लोगों की जरूरत है उसी के भाव सबसे अधिक बढ़े हुए है. ऐसे में गरीब व मध्यम वर्ग की थाली से सब्जी कम होने लगी है. एक किलोग्राम की जगह आधा किलोग्राम ही सब्जी खरीदी जा रही है.
मंडी में सब्जियों के दाम में बढ़त में आई बढ़त को लेकर व्यापारियों का कहना है कि पेट्रोल, डीजल के दाम जिस तरह से बढ़ें है वैसे ही सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ने से मंडी से ही सब्जियां महंगी मिल रही है. जो खुदरा बाजार में आते ही 20-25 प्रतिशत और महंगी हो जा रही है. ऐसा नहीं है कि केवल आम आदमी ही सब्जियों की बढ़ती महंगाई से परेशान है. मंहगाई का असर सब्जी बिक्रेताओं पर भी साफ नजर आ रहा है. क्योंकि सब्जियां बेचने वाले उतनी ही सब्जियां ले रहे हैं जितनी खपत हो जाए.