करनाल: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बरसात की वजह से यमुना नदी फिर से उफान पर है. हरियाणा के यमुनानगर में बने हथिनीकुंड बैराज से शनिवार सुबह दोबारा 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है. जिसके बाद करनाल के इंद्री, कुंजपुरा और घरौंडा इलाके के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इंद्री के करीब 12 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है.
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प्रशासन की अलग-अलग टीमों ने बांधों का दौरा करना शुरू कर दिया है. एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ सकता है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो घबराएं नहीं, लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जलस्तर कम होने पर किसान खेतों में ना जाएं.
बाढ़ को देखते हुए आला अधिकारी इलाके में तैनात हैं. यमुना तट से लगे गढ़पुर टापू, नगली, शैयद छपरा, चौगामा, चंद्राव और डेरा सिकलीगर सहित करीब 12 गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया है. किसानों का कहना है कि अगर फिर से पानी ज्यादा आ गया तो इस बार खाने के राशन के भी लाले पड़ जाएंगे. इसलिए प्रशासन को इस बार ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है. करनाल जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोग अभी हाल ही में आई बाढ़ से उबर नहीं पाए हैं कि फिर से बाढ़ का खतरा सिर पर मंडराने लगा है.
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यमुना का जल स्तर बढ़ने से इंद्री क्षेत्र में हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी है. करनाल से यमुनानगर को जोड़ने वाला मार्ग भी बंद हो गया है. इन इलाकों का कई गांवों से संपर्क कट गया है. पानी ने करीब एक दर्जन गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. गढ़पुर टापू के पास यमुना के पानी के घुसने से बचाने वाली करीब 15 फुट की पटरी (मिट्टी का बांध) टूट गई, जिससे बांध के आसपास के क्षेत्र में करीब आठ से 10 फुट तक पानी भर गया था. मौसम विभाग के मुताबिक करनाल में आज सुबह से दोपहर 2 बजे तक 100 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है. मौसम विभाग ने 3 दिन के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
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