करनाल:भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में किसानों ने जिला सचिवालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
क्या हैं किसानों की मांगें ?
करनाल:भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में किसानों ने जिला सचिवालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
क्या हैं किसानों की मांगें ?
किसानों ने अपने मांग पत्र में सरकार से मांग की है कि सबसे पहले किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए. कोरोना के चलते किसानों के कल्याण के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये की राहत पैकेज दिया जाए. किसानों ने मांग की है कि समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद के लिए खरीद एजेंसी कानून बनाया जाए. वहीं सूरजमुखी और मक्के के घोषित समर्थन मूल्य पर जल्द से जल्द सरकारी खरीद की जाए.
ये भी पढ़ें: शुरू हुई CTU की लंबे रूट की बसें, हरियाणा और पंजाब के कई शहरों तक जाएंगी
भारतीय किसान यूनियन के जिला संरक्षक मेहताब कादियान ने बताया कि किसानों को फसलों का पूरा भाव नहीं मिल रहा है. सरकार मक्की की फसल को सरकारी रेट पर खरीद नहीं कर रही है. इससे किसानों को काफी समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि जब फसलें मंडी में आती है तो उसकी बेकद्री की जाती है. उन्होंने बताया कि सरकार ने मक्के की फसल पर 7000 रुपये सब्सिडी देने की घोषणा की है, लेकिन जब किसान मक्के को मंडियों में लेकर जा रहा है. तो उसे कोई पूछने वाला नहीं मिल रहा है.