करनाल:हरियाणा में काफी मात्रा में किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती अपना रहे हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. वहीं करनाल में एक ऐसा गांव है जहां किसान ज्यादा मात्रा में टमाटर की खेती करते (tomato farming in karnal) हैं. यहां पर 90% किसान टमाटर की खेती करते हैं. इसलिए गांव में ही टमाटर के लिए सब्जी मंडी भी बनाई गई है. ताकि टमाटर बेचने के लिए दिल्ली या कहीं और बड़े शहर में न जाना पड़े और किसान का जो समय जाने आने में लगता था उस समय को वो अपने खेत में लगाए और मेहनत करके अपनी अच्छी खेती तैयार करे. इस गांव का नाम है पधाना.
गांव के किसान भीम सिंह ने कहा कि उन्होंने जब से होश संभाला है तब से उनके गांव में टमाटर की खेती करते आ रहे हैं. पहले टमाटर की बिजाई बेड बना कर उनपर की जाती थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बदला तो समय के साथ तकनीक बदलती गयी. अब हमारे गांव में ज्यादातर टमाटर की खेती बांस पर की जाती है और पॉलीहाउस में भी अब टमाटर की खेती होने लगी है. बांस पर टमाटर की खेती करने पर 60% अनुदान बागवानी विभाग की तरफ से मिलता है.
वहीं गांव के एक अन्य किसान कृष्ण कुमार ने कहा कि हमारा गांव शुरू से ही टमाटर की खेती करता आया है और हमारे गांव में ऐसा कोई घर नहीं जो टमाटर की खेती नहीं करता हो क्योंकि हमारी मिट्टी पर टमाटर की खेती अच्छी होती है. एक सीजन में अगर अच्छा भाव मिल जाए तो डेढ़ लाख से 2 लाख के बीच में 1 एकड़ से टमाटर निकल जाता है और एक बार इसकी खेती करने के बाद दोबारा फिर कोई दूसरी खेती भी किसान कर सकता है इसलिए हमारे पूरे गांव का रुझान शुरू से ही टमाटर की खेती करने में है. उन्होंने दावा किया है कि हरियाणा का ये एकमात्र ऐसा गांव है जो इतनी ज्यादा मात्रा में टमाटर की खेती कर रहा है.
किस तरह होती है टमाटर की खेती
वहीं टमाटर की खेती को लेकर बागवानी विभाग के कृषि अधिकारी डॉ. अंशुल शर्मा ने बताया कि आज हर राज्य में अलग-अलग पद्धति के सहारे अलग-अलग खेती को नये आयाम दिए जा रहे हैं. उसी कड़ी में हरियाणा में टमाटर की हाइटेक स्टेकिंग फार्मिंग की जा रही है. खास बात तो यह है कि इस पद्धति में टमाटर की उन्नत बेलदार किस्म को ही उगाने का कार्य ज्यादा किया जा रहा है. डॉ. अंशुल ने कहा कि टमाटर की फसल पाला नहीं सहन कर सकती. इसकी खेती के लिए तापमान 18. से 27 डिग्री सही है. 21-24 डिग्री तापमान पर टमाटर में लाल रंग सबसे अच्छा विकसित होता है. इन्हीं सब कारणों से सर्दियों में फल मीठे और गहरे लाल रंग के होते हैं. तापमान 38 डिग्री से अधिक होने पर अपरिपक्व फल एवं फूल गिर जाते हैं.
टमाटर की ये किस्में देती हैं ज्यादा पैदावर