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पुलिस की कार्रवाई से नाराज गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार का किया फैसला - election boycott

11 अप्रैल को फांसी लगा पर लटकी मिली युवती के परिजनों को इंसाफ ना मिलने से गांव के लोगों ने पंचायत कर चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया है. गांव के लोगों का आरोप है कि पुलिस सही से कार्रवाई नहीं कर रही है.

पंचायत कर चुनाव का बहिष्कार की रणनीति बनाते ग्रामीण

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Published : Apr 21, 2019, 9:35 PM IST

करनाल: गांव पूंडरी में पंचायत ने लोकसभा चुनावों के बहिष्कार का फैसला लिया है. पंचायत ने कहा की पुलिस ने रविवार तक सोनिया के हथियारों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है.

गांव वालों ने किया चुनाव का बहिष्कार

गौरतलब है कि गत पिछले महीने 11 मार्च को सोनिया की शादी घरौंडा के गांव स्टोंडी में हुई थी. सोनिया ने उसके एक ही महीने बाद 11 अप्रैल को फांसी लगा ली थी. सोनिया के परिजनों ने ससुराल वालो पर आरोप लगाया था कि उसकी सास, पति, देवर और ननद ने सोनिया की हत्या कर फांसी पर लटका दिया था. सोनिया के घर वालों ने उसके ससुराल वालों पर दहेज का आरोप लगाया था.

अभी तक दो ही लोगों की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए पूंडरी गांव की पंचायत ने फैसला लेते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है. उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन कहीं ना कहीं हमे इंसाफ नहीं दिला पाई है. सोनिया के सभी हत्यारो को गिरफ्तार करने में नाकाम साबित हुई है.

सोनिया के चाचा बलवान ने बताया कि जिस दिन सोनिया ने फांसी ली थी उसके कुछ देर बाद ही सोनिया की ननद का फोन आया था. जब हम वहां पहुंचे तो हमे सोनिया फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली. लेकिन तब हम सबने वहां सोनिया का संस्कार करने का विरोध किया था. पुलिस प्रशासन ने हमें आश्वासन देते हुए कहा था कि हम आपको विश्वास दिलाते है कि हम इस पर कड़ी करवाई करेंगे. अभी तक सोनिया की ननद और देवर की गिरफ्तारी न होने की वजह से पूंडरी गांव की पंचायत ने फैसला लिया है कि हम सब लोकसभा चुनाव और राजनीतिक प्रतिनिधि का बहिष्कार करेंगे.

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