करनाल: जब से हम पैदा हुए हैं, दूध हमारे भोजन में मुख्य आहार रहा है. हर संस्कृति में दूध और दूध से बने पकवान की काफी अहमियत है. आज हम दूध का गुणगान इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज 'वर्ल्ड मिल्क डे' है यानी विश्व दुग्ध दिवस है. लोगों को दूध पीने के फायदों के बारे में बताने के लिए हर साल 1 जून को यह दिवस मनाया जाता है.
वर्ल्ड मिल्ड डे पर हुआ वेबिनार आयोजित
भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है ऐसे में हमारे लिए विश्व दुग्ध दिवस बहुत महत्व रखता है. इसलिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वेबिनार के माध्यम से देशभर के 500 कृषि विशेषज्ञों ने डेयरी सेक्टर के विकास और संभावनाओं पर चर्चा की.
एनडीआरआई के निदेशक से ईटीवी भारत की खास बातचीत, देखिए वीडियो संस्थान के निदेशक डॉ. एमएस चौहान ने बताया कि आज डेयरी सेक्टर देश का तेजी से बढ़ता उद्योग है. उन्होंने कहा कि अभिनव डेयरी उत्पादों के साथ-साथ दूध की गुणवत्ता पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि दूध प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं.
'हम दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक हैं'
डॉक्टर चौहान ने बताया कि 187 मिलियन टन दूध उत्पादन के साथ भारत को दुनिया भर में सबसे बड़े दूध उत्पादक होने का गौरव प्राप्त है. उन्होंने कहा संस्थान कृत्रिम गर्भाधान तकनीक पर काम कर रहा है जिससे उत्तम नस्ल के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाई जा सके.
आधुनिक तकनीक के जरिए दूध निकालते NDRI करता है आधुनिक डेयरी उत्पाद विकसित
पिछले कुछ सालों में एनडीआरआई ने कई आधुनिक डेयरी उत्पाद विकसित किए हैं जैसे कोलेस्ट्रॉल रहित बाजरे की लस्सी, मट्ठा आधारित सुगंधित डेयरी पेय, अर्जुन हर्बल घी, तेज अम्लिए पाक, दूध युक्त लोह फोर्टीफाइड बाजरे के बिस्किट, खीर मोहन, शुद्ध दही, कम वसा वाले डेयरी उत्पादों के लिए लैक्टिक कल्चर का निर्माण किया है.
डेयरी क्षेत्र में NDRI ने दिया अहम योगदान
डॉक्टर चौहान का कहना है कि आज भारत देश दूध उत्पादन में विश्व भर में नंबर एक पर है. जिसके पीछे करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान का पूरा-पूरा योगदान है, क्योंकि इस संस्थान की तरफ से बहुत से उम्मदा किस्म के पशुओं और उनके सीमन के जरिए बहुत-सी नस्लों को तैयार किया गया. संस्थान की रिसर्च हमारे देश के किसान भाइयों और डेयरी उद्योगपतियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है और दूध उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है.
एनडीआरआई में बनाया गया स्पेशल दुग्ध उत्पाद क्यों आज मनाया जाता है 'वर्ल्ड मिल्क डे'?
साल 2001 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य औऱ कृषि संगठन द्वारा की गई थी. पिछले साल विश्व दुग्ध दिवस में 72 देशों ने भाग लिया था.
इन देशों में लगभग 586 प्रोग्राम्स का आयोजन किया गया था. आपको बता दें कि भारत में 1 जून के विश्व दुग्ध दिवस व 26 नवंबर के राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन साल 1921 में श्वेत क्रांति के जनक व भारत में दुग्ध उत्पादन के जनक कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था.
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