करनाल:केंद्र सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले महान विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कारों से नवाजा है. इन पद्म पुरस्कार विजेताओं में करनाल के वरिष्ठ पशुधन वैज्ञानिक सेवानिवृत डॉ. मोतीलाल मदान का नाम (Padma Shri Moti Lal Madan) भी शामिल है. सरकार ने मोतीलाल मदान को साइंस एंड इंजीनियरिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्ममानित किया है. मोतीलाल मदान करनाल में रहते हैं, उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान गोल्ड मेडल, पीएचडी और विदेश से डिग्री हासिल की है. पद्म श्री से सम्मानित होने के बाद डॉ. मोतीलाल मदान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. मोतीलाल मदान ने बताया कि वह राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. मोती लाल मदान को पशु विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के पहले IVF बफेलो का 'प्रथम' के निर्माण के लिए भी जाना जाता है. डॉ. मोतीलाल मदान ने कहा कि शुरुआती समय में उनको अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में अच्छी जॉब मिल गई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने विदेश के लिए कामना करके अपने देश में काम करना ज्यादा बेहतर समझा और उन्होंने पूरे भारत में सबसे पहले बफेलो में IVF तकनीक से जन्म देने वाले तकनीक इजाद की.
डॉ. मोतीलाल मदान (haryana scientist doctor Moti Lal Madan) ने बताया कि जो पशु बांझपन का शिकार हो जाता है और बच्चे को जन्म नहीं दे सकता उसके लिए इस तकनीक को प्रयोग किया जाता है और उसे बच्चे को जन्म दिया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और दूध के क्षेत्र में भी हम काफी आगे हैं, लेकिन कुछ समय पहले पशुपालकों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो रही थी कि उनके पशु बांझ हो रहे थे. जिससे उनके पशुओं में आगे बढ़ोतरी नहीं हो रही थी, लेकिन इस तकनीक से दूध के क्षेत्र में पशुपालन क्षेत्र में भारत को एक नई पहचान मिली है.