करनाल: 12 नवंबर को हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली को मनाया जा रहा है. यह त्योहार खुशियों के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. दिवाली के दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. दरअसल इसके पीछे मान्यता है कि माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, जबकि भगवान गणेश को शुभ का प्रतीक माना जाता है. दिवाली के दिन पूजा के दौरान अनजाने में ही सही लोगों से कई प्रकार की गलतियां भी हो जाती हैं. लोगों को यह नहीं मालूम होता कि दिवाली में पूजा के दौरान पूजा की थाली कैसे तैयार करें और उसमें क्या-क्या सामग्री रखें. आइए हम आपको बताते हैं कि दिवाली के दिन पूजा के दौरान पूजा की थाली में क्या-क्या रखें?
दिवाली पर पूजा की थाली में क्या-क्या रखें?: ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए पंडित कमल गौतम ने बताया कि दिवाली का पर्व खुशियों का प्रतीक होता है. सभी लोग इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. दिवाली के दिन पूजा के दौरान पूजा की थाली में एक नारियल जिसके ऊपर लाल रंग की माता की चुन्नी या मौली लपेटकर रखें. उसके साथ ही थाली में दीया, फूल, कपूर, अगरबत्ती, फल, मिठाई, हल्दी, कुंकुम, पान, सुपारी, दही, गंगाजल, चंदन, सिंदूर, अक्षत और एक चांदी या सोने की वस्तु रखें. कुछ लोग पूजा के दौरान कलश भी स्थापित करते हैं. कलश स्थापना के लिए गेहूं के दाने लिए जाते हैं और कलश में जल डालकर उसके अंदर आम के पांच पत्ते डाल कर कलश स्थापना करें. कलश स्थापना के लिए मिट्टी, तांबा इत्यादि का कलश ले सकते हैं. कुछ स्थानों पर अपनी संस्कृति के अनुसार चावल की खील या गेहूं के दाने भी रखते हैं.
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति कैसी रखें: दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष तौर पर पूजा अर्चना की जाती है. कुछ लोगों को यह नहीं मालूम होता कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की कैसी मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्ति खरीदें. यह बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है.
मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें ये बातें: ज्योतिष के अनुसार, मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की एक साथ बैठे हुए मूर्ति नहीं खरीदें. दोनों की अलग-अलग ही मूर्ति खरीदें. खास ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी और गणेश भगवान दोनों बैठे हुए मुद्रा में हों. खड़े हुए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति को शुभ नहीं माना जाता. किसी भी साइज की मूर्ति खरीद सकते हैं, उसमें कोई भी आपत्ति नहीं होती. गणेश भगवान की मूर्ति करते समय यह ध्यान रखें कि गणेश भगवान के हाथ में मोदक हो और उनके साथ मूर्ति में चूहा भी मौजूद हो. भगवान गणेश की सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई हो.