करनाल:हरियाणा का प्रमुख कृषि जिला करनाल लगातार गिरते भूजल (Decreasing ground water level in Karnal) की समस्या से जूझ रहा है. करनाल में भूजल स्तर खतरनाक स्तर पर गिरता जा रहा है. यदि भूमिगत जल की निकासी इसी प्रकार जारी रही, तो खेतों की प्यास बुझना तो दूर, करनालवासी पानी की एक-एक बूंद के लिए भी तरस जाएंगे. करनाल कृषि विभाग के भूजल सेल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले दो दशक में करनाल जिले का भूजल स्तर लगभग 12.86 मीटर से ज्यादा नीचे चला गया है. करनाल की जल तालिका जोकि वर्ष 2000 में लगभग 8.57 मीटर थी और अब वर्तमान में यानि वर्ष 2021 में 21.81 मीटर हो गई है.
आंकड़े के अनुसार सबसे तेज गिरावट 1999 के बाद शुरू हुई है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कृषि उत्पाद के लिए सबमर्सिबल ट्यूबवेल का प्रयोग बड़ी संख्या में होना बताया जा रहा है. इसके साथ-साथ लोगों ने अपने घर, अस्पताल, स्कूल और होटल आदि बड़े संस्थानों में भी समर्सिबल पंप का उपयोग शुरू कर दिया है. इन सबके बीच खास बात यह है कि करनाल के इंद्री ब्लॉक को छोड़कर जिले में सात ब्लॉक अति-शोषित श्रेणी में आ गए हैं.
विशेषज्ञों की माने तो ऐसी स्थिति के पीछे भूमि जल का अधिक प्रयोग और जल का कम संरक्षण असली कारण है. जल संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. इसके लिए लोगों को जागरूक होना बेहद जरूरी है. ताकि कृषि के लिए प्रयोग होने वाले पानी के साथ-साथ पीने के लिए भी लोगों को पानी मिल सके. अगर पानी का ऐसा ही दुरुपयोग होता रहा, तो आने वाले समय में पानी की बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.