करनाल: सड़कों में गड्डे होने पर हर कोई स्थानीय नेता और प्रशासन को जिम्मेवार ठहरता है लेकिन कई बार यह गड्डे किसी के लिए वरदान भी साबित हो जाते हैं. करनाल से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. हुआ यूं की एक बुजुर्ग को अस्पताल में डॉक्टर ने इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया था. बुजुर्ग के परिजन एंबुलेंस से उन्हें गांव ला रहे थे कि अचनाक गड्डे में एंबुलेंस ने हिचकोला खाया और मृत बुजुर्ग की सांस चलने लगी. बुजुर्ग को फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है.
इलाज के दौरान सांस थम गयी: करनाल के निसिंब कस्बे में रहने वाले अस्सी साल के दर्शनपाल को हार्ट अटैक आया. परिजनों ने इलाज के लिए उन्हें पटियाला के एक अस्पताल में दाखिल करवाया. इलाज के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अस्पताल आये परिजनों ने रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दी जिसके चलते गांव में दर्शनपाल के अंतिम संस्कार की सारी तैयारी कर ली गई.
कैसे हुआ चमत्कार: डॉक्टरों द्वारा दर्शनपाल को मृत बताये जाने पर परिजन डेड बॉडी को एंबुलेंस से करनाल के लिए निकल पड़े. रास्ते में ही चमत्कार हो गया. दर्शनपाल के बेटे बलदेव ने बताया कि पटियाला से वह जैसे ही कैथल ओर निसिंग के बीच में पहुंचे तो एक गड्डे में एंबुलेंस का टायर लग गया. इसके बाद परिवार वालों ने दर्शनपाल का हाथ हिलता हुआ देखा. फिर उनकी नब्ज देखी गई तो, नब्ज चलती हुई मिली. तुरंत परिजन निसिंग के अस्पताल में दर्शनपाल को लेकर गये. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि वे जीवित हैं. बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने दर्शनपाल को करनाल के रावल हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज चल रहा है.