करनाल: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के मुद्दों पर आत्महत्या करने वाले संत बाबा राम सिंह का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया. संत बाबा राम सिंह को सिंगड़ा गांव में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं इस मौके पर राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि भी राम सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
पूर्व सीएम ने दी श्रद्धांजलि- हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बाबा राम सिंह को श्रद्धाजंलि दी. उन्होंने कहा कि इतने बड़े संत ने किसानों के लिए कुर्बानी दी है तो अगर अब भी सरकार को शर्म नहीं आती तो फिर कब आएगी. सरकार को तुरंत प्रभाव से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संत बाबा राम सिंह की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा.
बाबा राम सिंह को नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, देखिए वीडियो लुधियाना के विधायक सिरजीत सिंह ने दी अंतिम विदाई
संत बाबा राम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पंजाब के लुधियाना से विधायक सिमरजीत सिंह भैंसवाल पहुंचे. उन्होंने कहा कि संत बाबा राम सिंह के शहादत को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने किसानों के लिए एक बड़ी कुर्बानी दी है.
अशोक तंवर ने दी श्रद्धांजलि
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी बाबा राम सिंह को अंतिम विदाई दी. उन्होंने कहा कि बाबा राम सिंह ने किसानों के लिए बहुत ही बड़ी शहादत दी है और उनकी शहादत बेकार नहीं जाने दी जाएगी. जब वह दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर थे तो उन्होंने किसानों का दुख दर्द देखा. वह कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रह रहे थे तो उनसे उनको दुख देखा नहीं गया और उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी. वो एक महान आत्मा है जिन्होंने शहादत पाई है.
संत बाबा राम सिंह को सिंगड़ा गांव में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी. सरकार को किसानों के सामने झुकना होगा- तंवर
अशोक तंवर ने कहा कि किसानों के आगे सरकार को अब झुकना ही पड़ेगा और किसानों की बात माननी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं जो किसानों के बीच में बैठकर माहौल खराब करते हैं. उनका भी पर्दाफाश होगा और सरकार को किसानों की बात अब माननी ही पड़ेगी.
बुधवार शाम को बाबा राम सिंह ने की थी आत्महत्या
बता दें कि संत बाबा राम सिंह का सुसाइड नोट भी सामने आया था. इसमें उन्होंने लिखा है कि किसानों का दुख देखा. वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही. जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किए. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह.
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