करनाल: हरियाणा में किसानों की फसल सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके जरिए ना केवल किसानों को आपदा से सुरक्षा की गारंटी मिलती है बल्कि उन्हें मुनाफे की खेती करने में भी फायदेमंद हैं. हरियाणा में कपास की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार किसानों के लिए कई विशेष योजनाएं लेकर आई है. इन्हीं में से एक है हरियाणा फसल सुरक्षा योजना योजना. ये एक तरह की बीमा योजना है जो आपदा की स्थिति में किसानों को फसल सुरक्षा की कवरेज देती है.
हरियाणा फसल सुरक्षा योजना क्या है-हरियाणा सरकार की फसल सुरक्षा योजना खास तौर पर कपास किसानों के लिए है. ये एक बीमा योजना है जो फसल के बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा दिलाती है. इस योजना में फसल की प्रीमियम राशि भरकर किसान अपनी खराब हुई फसल का मुआवजा के तौर पर आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं. कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए 2023 खरीफ वर्ष के तहत 'हरियाणा फसल सुरक्षा योजना' के लिए पंजीकरण जारी है.
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जैसे अन्य फसलों के लिए सरकार खराब होने की स्थिति में मुआवजा देती है, वैसे ही कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए भी इस योजना को विशेष तौर पर हरियाणा सरकार द्वारा लागू किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जो भी किसान कपास की खेती करते हैं और उनको किसी भी प्रकार से खेती में नुकसान होता है, तो नुकसान की भरपाई इस योजना के तहत की जा सके. इसके अलावा आने वाले समय में हरियाणा में कपास का रकबा बढ़ सके. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर अपनी कपास फसल का पंजीकरण करा सकते हैं. फिलहाल पंजीकरण की अंतिम तारीख 30 सितंबर निर्धारित की गई है. इस योजना का संचालन क्लस्टर -1 के तहत करनाल के अवाला, जींद, हिसार, सोनीपत, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में किया जाएगा. डॉ. वजीर सिंह, करनाल कृषि उपनिदेशक