करनाल: पूरे देश में कोरोना वायरस अपने पैर पसार चुका है. कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है. ऐसे में जिस समय कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उस समय अगर वातावरण में प्रदूषण बढ़ता है तो संक्रमण के फैलने का खतरा और बढ़ सकता है.
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समय-समय पर सरकार और जिला प्रशासन की ओर से किसानों को फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों में आग नहीं लगाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन किसान रात के समय चोरी छिपे अपने खेतों में बचे अवशेषों में आग लगा रहे हैं. जिससे कोरोना के संक्रमण का बढ़ने का खतरा बढ़ गया है.
78 लोकेशन ट्रेस
करनाल की बात करें तो जिला कृषि अधिकारी आदित्य डबास ने बताया जिले में 98 लोकेशन को विभाग द्वारा ट्रेस किया गया है. जहां किसानों ने अपने खेतों में आग लगाई है. इनमें से 78 जमीन मालिकों का भी पता चल गया है. जहां खेतों में आग लगी है.
कृषि विभाग द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो प्रदूषण फैलाने का काम कर रहे हैं. गौरतलब है हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से सटे इलाकों में किसान लगातार अपने खेतों में बचे अवशेषों में आग लगाने का काम कर रहे हैं. जिस कारण कोरोना संक्रमण और तेजी से फैल सकता है.
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करनाल के सिविल सर्जन डॉक्टर योगेश कुमार ने भी कहा इस समय कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अगर वातावरण में किसी भी कारण से प्रदूषण बढ़ता है चाहे वो किसी भी कारण से हो तो उससे और ज्यादा संक्रमण बढ़ने का खतरा पैदा होता है. सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों को दिक्कत है. अगर कोई व्यक्ति कोरोना से ठीक भी हो जाता है तो प्रदूषण के कारण उसके फिर से बीमार होने के आसार रहते हैं.