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मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए आर्थिक सहायता लेने की प्रक्रिया हुई सरल, जानें कैसे करें आवेदन

हरियाणा में मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. आइए जानते हैं आखिर इस योजना का लाभ कैसा और किन परिस्थितियों में उठा सकते हैं. (Chief Minister Relief Fund haryana)

Chief Minister Relief Fund haryana
हरियाणा में मुख्यमंत्री राहत कोष

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Published : May 15, 2023, 10:48 PM IST

करनाल: हरियाणा में मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिए भी लोगों की मदद की जाती है. मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहे लोगों को खास तौर पर सहायता दी जाती है. पहले इसके लिए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया है.

कैसे उठाएं मुख्यमंत्री राहत कोष का लाभ: मुख्यमंत्री राहत कोष के जरिए मदद लेने वाला व्यक्ति अब सरल पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकता है. इससे ये प्रक्रिया और अधिक सरल एवं आसान हो गई है. अब आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थी को कार्यालय और अधिकारियों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

कैसे उठा सकते हैं मुख्यमंत्री राहत कोष का लाभ.

सरल पोर्टल पर कर सकते हैं आवेदन: आवेदक अपना परिवार पहचान पत्र और बाकी जरूरी दस्तावेजों के साथ सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकता है. इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि दस्तावेजों को अपलोड करना होता है. योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में कवर नहीं हो रही है तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों की मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की जाती है.

मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए कमेटी का गठन: मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित एमपी, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, जिला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन के सदस्य शामिल हैं. वहीं मेयर को नोडल अधिकारी बनाया गया है.

हरियाणा में मुख्यमंत्री राहत कोष.

तहसीलदार करता है आवेदक की चल-अचल संपत्ति का वेरिफिकेशन:आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर जैसे ही आवेदन डाला जाता है, वैसे ही उसे संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर/एमसी के अध्यक्ष के पास भेज दिया जाता है. ये जनप्रतिनिधि 5 दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ डीसी कार्यालय को उस आवेदन को भेजते हैं. उसके उपरांत आवेदन को डीसी कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को भेजा जाता है. तहसीलदार आवेदक की चल-अचल संपत्ति का वेरिफिकेशन करता है. उसके बाद सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भेजा जाता है.

मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए वेरिफिकेशन अवधि: संपत्ति के वेरिफिकेशन के लिए 4 दिन और सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिए 5 दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है. दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजते हैं. जिसे वे सीनियर एकाउंट अधिकारी को भेजेंगे. इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाती है.

आर्थिक सहायता की राशि लाभार्थी के बैंक खाते में होती है ट्रांसफर: पुरानी प्रक्रिया में समस्याओं को देखते हुए, इस प्रक्रिया को आम जनता के लिए सरल बनाने के साथ ही समयबद्ध भी किया गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ही ट्रांसफर की जाएगी. यदि कोई आवेदक दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा है और वह चाहता है कि उपचार की राशि सीधे अस्पताल को मिले तो वो संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी साझा कर सकता है. मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता के रूप में इलाज खर्च का 25 प्रतिशत और अधिकतम एक लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है. आवेदक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही इस सुविधा का लाभ ले सकता है.

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