करनाल: चंद्रयान-2 भारत का दूसरा चांद मिशन है. जो कि 22 जुलाई को लांच किया गया था. चंद्रयान-1 की सफलता के बाद चंद्रयान-2 से देश को काफी उम्मीदें थीं. इसी खबर से जुड़ी करनाल की उड़न परी कल्पना चावला की यादें भी हमारे जहन में है.
चंद्रयान-2' का लैंडर ‘विक्रम' ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग' के लिए तैयार उड़नपरी कल्पना चावला के कोलंबिया में क्रैश होने के बाद करनाल वासियों को ही नहीं बल्कि पूरे देश विदेश के लोगों बहुत बड़ा झटका लगा था. चंद्रयान-2 पहला स्पेस मिशन है जो चांद के साउथ पोलर रीजन पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यह पहला भारतीय अभियान है जो कि देश में बनाई गई टेक्नोलॉजी से लूनर सरफेस पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने जा रहा है.
करनाल की उड़नपरी कल्पना चावला के यान की तरह ही चंद्रयान 2 भी अपनी यात्रा में गया है और आने वाले 7 सितंबर यानी कल एक सफलता की दहलीज पर करेगा. ईटीवी भारत की टीम आज करनाल के टैगोर बाल निकेतन स्कूल में पहुंची. जहां पर उड़न परी कल्पना चावला ने अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के लिए कदम रखा.
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स्कूल के प्रिंसिपल राजन लांबा ने बताया कि जब कल्पना अंतरिक्ष में गई थी तो भारत में व करनाल के लोगो और परिवार में खुशियां छा गई थी. परंतु वह पल बहुत दुखदाई था जब खबर आई की यान क्रैश हो गया.