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विदेशियों ने करनाल में खाया चूरमा, पंचायती व्यवस्था को भी जाना, मछली पालन से प्रभावित हुए कनेडियन - निदेशक स्कॉट हंटर

कनेडियन डेलीगेट्स करनाल पहुंचा तो मछली पालन से काफी प्रभावित हुए. यहां के गांव की पंचायती व्यवस्थाओं को भी समझा और सब्जियों की खेती की टेक्नीकस को भी जाना. हरियाणावासियों ने पगड़ी बांधकर उनका सम्मान किया.

Canadian delegation reached Karnal
विदेशियों ने चखा देसी खाने का स्वाद

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Published : Apr 12, 2023, 9:15 PM IST

करनाल:बुधवार को कनाडा के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने करनाल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा और कनाडा के रिश्ते और भी बेहतर होंगे. 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुटाना गांव में सुल्तान मछली फार्म में भी पहुंचे. इसके बाद गांव सुल्तानपुर के पंचायत भवन में पंचायती राज व्यवस्था की जानकारी भी ली गई.

हरियाणा और कनाडा के रिश्ते होंगे मजबूत: उन्होंने गांव सुल्तानपुर की आंगनवाड़ी का भी दौरा किया. जिला प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने अगुवाई की और कनाडा के प्रतिनिधिमंडल को हरियाणवी कल्चर से रूबरू करवाया. इस दौरान कनाडा के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने हरियाणा में पहुंचकर खुशी जाहिर की और यहां की संस्कृति से भी काफी प्रभावित हुए. इस दौरान उनका कहना था कि हरियाणा और कनाडा के रिश्ते बेहतर होंगे.

हरियाणा और कनाडा के रिश्ते होंगे मजबूत

मछली पालन की तकनीक को जाना: कनाडा के प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा के अध्यक्ष रैंडी वीक्स, विधानसभा के सदस्य वारेन केडिंग, विधानसभा की क्लर्क आइरिस लांग, विधानसभा के सदस्य नथानिएल टीड, व्यापार और निर्यात विकास मंत्रालय में इंटरनेशनल संबंधों के निदेशक स्कॉट हंटर शामिल रहे. प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले गांव बुटाना में सुल्तान मछली फार्म पहुंचे. यहां पर सुल्तान सिंह ने यहां के मछली पालन की टेक्नीक्स को समझा और देखा की किस तरह से यहां पर मछली पालन किया जाता है. इस दौरान उन्होंने मछलियों की प्रजातियों की भी जानकारी ली.

मछली पालन के तरीके से प्रभावित हुए विदेशी: साथ ही उन्होंने मछली पालने की प्रक्रिया को भी जाना और बेहतर तरीके से इसे समझा. जिसके बाद उन्होंने और उनके प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यहां पर आकर और मछली पालन की जानकारी यहां की मछली पालने की तकनीक बहुत अच्छी लगी उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यहां की मछली पालने की प्रक्रिया उन्हें काफी पसंद आई है.

हरियाणवी संस्कृति से प्रभावित हुए कनाडा प्रतिनिधिमंडल के सदस्य

पंचायती व्यवस्था की भी ली जानकारी:कनाडा के प्रतिनिधिमंडल ने गांव सुल्तानपुर का भी दौरा किया. यहां पर गांव के पंचायत भवन में सरपंच व दूसरे पंचायत सदस्यों से मुलाकात की. उन्होंने गांव के लोगों से भी बातचीत की. कनाडा के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा की पंचायती राज प्रणाली समझने में काफी उत्सुकता दिखाई. एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा ने हरियाणा की पंचायती राज व्यवस्था के बारे में भी उन्हें बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह सरपंच गांव में व्यवस्था चलाता है. पंच, ग्राम सचिव, बीडीपीओ और डीडीपीओ क्या-क्या भूमिका निभाते हैं. प्रतिनिधिमंडल ने गांवों में पंचायत चुनाव के बारे में भी जाना.

हरियाणा के कल्चर की सराहना: कनाडा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने गांव सुल्तानपुर की आंगनवाड़ी का भी दौरा किया. यहां उन्होंने बच्चों से बातचीत की और हरियाणा सरकार के इस प्रयास की तारीफ भी की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भविष्य में हरियाणा और कनाडा के रिश्ते और अच्छे होंगे. हमने हरियाणा का दौरा करके हरियाणवी कल्चर और पंचायत व्यवस्था को जानने की कोशिश की है. यह दौरा हमारे लिए अविस्मरणीय है. भविष्य में हमारे व्यापारिक रिश्ते और बेहतर होंगे.

हरियाणावासियों ने पगड़ी बांधकर किया सम्मानित

देसी खाने के स्वाद ने जीता विदेशियों का दिल:कनाडा के प्रतिनिधिमंडल ने गांव सुल्तानपुर में देसी खाने का स्वाद चखा. यहां उनकी थाली में चूरमा परोसा गया. सदस्यों ने जैसे ही चूरमे को चखा तो तारीफ किए बिना नहीं रुक सके. इतना ही नहीं खीर और बाजरे की रोटी का स्वाद भी चखा. हरियाणवी स्वाद की उन्होंने जमकर तारीफ की. इससे पूर्व गांव में पहुंचने पर जनसंपर्क विभाग के सुमेरपुर ने कनाडा के प्रतिनिधिमंडल को हरियाणवी पगड़ी बांधी.

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सब्जियों की खेती की भी ली जानकारी: इसके उपरांत कनाडा के प्रतिनिधिमंडल ने घरौंडा इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया और वहां तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की. इस मौके पर उत्कृष्टता केन्द्र के उपनिदेशक डॉ. सुधीर कुमार यादव ने पीपीटी के माध्यम से वहां पर उगाए जा रही सब्जी की विभिन्न किस्मों की फसलों के नई-नई तकनीक के बारे में जानकारी दी और बताया कि किस तरीके से तकनीक को अपनाने से 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है और वहीं पर सब्जियों की गुणवत्ता भी बेहतरीन पाई जाती है.

मछली पालने की भी सीखी प्रक्रिया

किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं से भी करवाया अवगत: उन्होंने बताया कि इस केन्द्र में इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से विशेषज्ञों द्वारा किसानों व कृषि संस्थानों से जुड़े छात्रों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर अनुदान राशि भी प्रदान की जाती है. इसके अलावा यहां पर तैयार की जाने वाली सब्जियों की पौध रियायती दरों पर किसानों को दी जाती है.

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