करनाल: हरियाणा दूध दही के लिए पूरे विश्व भर में मशहूर है. हरियाणा का दूध दही का खाना ऐसे ही मशहूर नहीं है. इनकी खास वजह है कि यहां हरियाणा में पाले जाने वाले मुर्रा नस्ल के भैंस व भैंसे दुनिया भर में मशहूर हैं. जहां मुर्रा नस्ल की भैंस की डिमांड विदेशों में है तो वहीं हरियाणा के पशु पालकों ने हरियाणा के कई जिलों में मुर्रा नस्ल की भैंस तैयार किए हुए हैं. जिनकी कीमत इतनी है कि सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. आपने आज तक करोड़ों रुपए की लग्जरी गाड़ियां देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी सपने में भी सोचा है कि हरियाणा में करोड़ों रुपए का भैंसा भी है. उनकी डिमांड इतनी है कि विदेशों में भी उसके नाम के चर्चे हैं. तो चलिए बताते हैं हम हरियाणा के फेमस मुर्रा नस्ल के भैंसा के बारे में इनकी कीमत है करोड़ों रुपए.
हेनरी फोर्ड ने जब विश्व की पहली लग्जरी गाड़ी बनाई थी, तब शायद उसने यह नहीं सोचा था. एक दिन लग्जरी गाड़ियों की कीमत करोड़ों में पहुंच जाएगी. ऐसे ही करोड़ों की एक सवारी आज हमारे साथ भी है, लेकिन यह कोई लग्जरी गाड़ी नहीं है बल्कि यह है एक बुल जिसका नाम है शहंशाह. शहंशाह विश्व का सबसे महंगा भैंसा है जिसकी कीमत 25 करोड़ रुपए है. तो चलिए बताते हैं उसकी कीमत करोड़ों तक पहुंचने की कहानी. हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के गांव डिडवाड़ी के रहने वाले पशुपालक नरेंद्र सिंह ने शहंशाह को पाल पोस कर तैयार किया है. शहंशाह के मालिक नरेंद्र सिंह को 25 करोड़ रुपए तक का ऑफर मिल चुका है लेकिन उन्होंने शहंशाह को बेचा नहीं. शहंशाह के मालिक नरेंद्र ने बताया कि शहंशाह बचपन से ही अच्छा खानपान दिया जाता था जिसकी बदौलत उनकी कीमत करोड़ों में पहुंच गई.
शहंशाह के नहाने के लिए बनाया गया है स्विमिंग पूल: शहंशाह के मालिक नरेंद्र सिंह ने बताया कि उसको हर दिन खास प्रकार के शैंपू से नहलाया जाता है और उसके बाद उसकी अच्छे से आधे किलो तेल से मालिश की जाती है. वही सप्ताह में दो बार उसकी सेविंग भी की जाती है. इतना ही नहीं मालिक नरेंद्र ने शहंशाह के लिए खासतौर पर स्विमिंग पूल भी बनवाया हुआ है जहां पर वह स्नान करता है. उसके रहने के लिए उसके नीचे गद्देदार मैट बिछाए गए हैं. शहंशाह कई घंटों तक स्विमिंग पूल में मस्ती करता रहता है जिसके कारण उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
शहंशाह पर हर महीने किए जाते हैं ₹50000 खर्च: मालिक का दावा है कि वह शहंशाह के ऊपर हर महीने 50,000 से ज्यादा रुपए खर्च करता है. शहंशाह की उम्र इतने करीब 10 वर्ष हो चुकी है. जिसकी लंबाई करीब 15 फीट और ऊंचाई 6 फीट है. शहंशाह को जब पहली बार चैंपियनशिप में ले जाया गया तब उसको पहली बार में ही ₹300000 का इनाम मुर्रा नस्ल के भैंसा की कैटेगरी में मिली थी . जिसके बाद शहंशाह है कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार बुलंदियों को हासिल करता गया.
शहंशाह के सीमेन से करोड़ों की कमाई: शहंशाह के मालिक ने बताया कि शहंशाह अच्छी क्वालिटी का होने के चलते उसके सीमन की काफी डिमांड है जिसके चलते वह 1 महीने में चार बार उसका सीमन निकालते हैं एक बार निकालने से उस सीमन की करीब 800 डोज बनती है जिसकी कीमत प्रति डोज ₹300 तक होती है। जो सालाना करीब एक करोड़ से ज्यादा पैसे कमा कर अपने मालिक को दे रहा है. जहां भारत में इसका सीमन बेचा जाता है तो वही कोलंबिया, वेनेजुएला और कोस्टारिका मे भी इसका सीमन भेजा जाता है.
सुल्तान था महंगी व्हिस्की पीने का शौकीन:अब बात करते हैं हरियाणा के दूसरे सबसे महंगे भैंसे की, जिसका नाम सुल्तान है. सुल्तान महंगी व्हिस्की पीने का शौकीन था. आपने सिर्फ देखा होगा कि अब तक इंसान ही महंगी महंगी शराब और व्हिस्की को पीते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि हरियाणा में मुर्रा नस्ल का सुल्तान नामक भैंसा भी महंगी महंगी व्हिस्की पीकर सुर्ख़ियों बनाया हुआ है। सुल्तान हरियाणा राज्य के जिले कैथल के बुड्ढा खेड़ा गांव के पशुपालक नरेश के पास था, जिसकी कीमत 21 करोड़ रुपये लग चुकी थी, सुल्तान की 2 वर्ष पहले ही हार्ट अटैक मौत हुई है जब उसकी उम्र करीब 14 वर्ष थी . लेकिन लोगों के मन में आज भी सुल्तान बसा हुआ है.
सुल्तान की खुराक: सुल्तान अपने कद काठी और सुंदरता के लिए काफी मशहूर था. सुल्तान के मालिक नरेश ने बताया कि सुल्तान का वजन करीब 16 क्विंटल था. और उसके शौक इंसानों से भी ज्यादा महंगे थे. सुल्तान की खुराक की अगर बात करें सुल्तान 1 दिन में 15 किलो सेब, 10 किलो गाजर, 10 किलोग्राम दूध, 15 किलोग्राम दाना लेता था और साथ में हरा चारा भी खाता था. लेकिन ज्यादा सुर्खियों में वह इसलिए रहा क्योंकि इस नॉर्मल डाइट के साथ वह महंगी महंगी व्हिस्की पीने का शौकीन था जिसकी कीमत हजारों में होती थी. सुल्तान हर दिन 100 ग्राम व्हिस्की पीता था.
इस भैंसे को हर रोज अलग-अलग ब्रांड का स्कॉच दिया जाता है. भैंसा का मंगलवार को ड्राई डे होता है, यानी इस दिन वह शराब नहीं पीता है. रविवार को टीचर्स, सोमवार को ब्लैक डॉग, बुधवार को 100 पाइपर, गुरुवार को वेलेंटाइन, शनिवार को ब्लैक लेबल या शिवास रिगल पीता है. जिसे उसकी सेहत अच्छी रहती थी . उन्होंने बताया कि वह करीब 20 प्रकार का खाना 1 दिन में खाता था.
सुल्तान का रखरखाव: सुल्तान को खुले स्थान में रखा जाता था जहां पर उसके नीचे बैठ बिछाए हुए थे, वही कुछ समय के लिए उसको रेत वाली स्थान पर भी रखा जाता था ताकि उसे बैठने में कोई परेशानी ना हो. गर्मियों में सुल्तान के लिए कूलर लगाए जाते थे और सुबह-शाम दो बार उसको शैंपू के साथ नहीं लाया जाता था और नहलाने के बाद उसकी तेल के साथ मालिश की जाती थी. 2 लोग दिनभर उसकी देखभाल के लिए लगे रहते थे.