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Aja Ekadashi Vrat: अजा एकादशी आज, व्रत के दौरान भूलकर ना करें ये काम, जानिए पूजा का विधि-विधान

Aja Ekadashi Vrat: मान्यता है कि एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद से तन-मन-धन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. जानिए अजा एकादशी कब है और इस दिन पूजा का विधि विधान क्या है.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 9, 2023, 10:00 PM IST

Updated : Sep 10, 2023, 6:22 AM IST

Aja Ekadashi Vrat
10 सितंबर को अजा एकादशी व्रत

करनाल:हिंदू धर्म में दिनों की गणना पंचांग के आधार पर की जाती है. उसके आधार पर ही हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्योहार रखे जाते हैं. वहीं, हिंदू पंचांग के मुताबिक आज 10 सितंबर को अजा एकादशी पड़ रही है. मान्यता है कि जो भी इंसान एकादशी का व्रत रखता है, भगवान विष्णु उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. साथ ही इंसान को व्रत रखने से कई प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है.

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अजा एकादशी का समय:हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर दिन रविवार को रखा जायेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार अजा एकादशी तिथि का आरंभ 9 सितंबर को शाम 07:17 बजे से शुरू होगा. जबकि इसका समापन 10 सितंबर को रात 9:28 मिनट पर होगा. अजा एकादशी का हिंदू पंचांग के अनुसार पारण का समय 11 सितंबर को सुबह 6:04 बजे से 8:33 बजे तक है. सूर्य उदय तिथि के अनुसार 10 सितंबर को ही अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

अजा एकादशी के दिन बन रहे हैं दो शुभ संयोग:पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष अजा एकादशी का दिन काफी शुभ रहने वाला है. क्योंकि इस दिन दो शुभ संयोग बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार पहला शुभ संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो 10 सितंबर को शाम के समय 6:05 से शुरू होगा. जबकि 11 सितंबर की सुबह 6:04 पर खत्म होगा. वहीं दूसरा शुभ संयोग रवि पुण्य योग बन रहा है. जिसका प्रारंभ 10 सितंबर को शाम के 5:06 से शुरू होकर 11 सितंबर की सुबह 6:04 पर समापन होगा.

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अजा एकादशी का महत्व:शास्त्रों में बताया गया है कि पूरे एक हिंदू वर्ष में 24 एकादशी आती है. जिनका अलग-अलग अपना विशेष महत्व होता है. अजा एकादशी का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है और यह दिन भगवान विष्णु को ही समर्पित होता है.

क्यों अहम है अजा एकादशी व्रत: मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से इंसान को सभी प्रकार के भूत प्रेत के संकट से मुक्ति मिलती है. जो इंसान भगवान विष्णु को समर्पित करते हुए यह व्रत रखता है. उसको सीधा मोक्ष मिलता है. एकादशी के दिन एकादशी की कथा सुननी चाहिए और विधिवत रूप से उसका व्रत रखना चाहिए. शास्त्रों में बताया गया है कि जो इंसान एकादशी का व्रत रखता है, उसको अश्वमेघ यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है. भगवान विष्णु उसकी सभी प्रकार की मनोकामना पूरी करते हैं और उसके परिवार पर अपनी कृपा बनाये रखते हैं.

पूजा का विधि विधान:सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. लेकिन इंसान इस दिन व्रत रखते हैं और कई गलतियां वह कर देते हैं. जिसकी वजह से उनको भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलने की बजाय कई प्रकार के दोष प्राप्त हो जाते हैं. इसलिए हम आपको बताते हैं की एकादशी की पूजा का सही विधि विधान क्या है.

ऐसे लें व्रत रखने का प्रण: एकादशी के दिन विधिवत रूप से पूजा व व्रत रखने के लिए इंसान को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी कुंड या तालाब में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर या खुद अपने मंदिर में भगवान विष्णु मूर्ति स्थापित करके उनके आगे देसी घी का दीपक जलाए. श्री विष्णु भगवान को पीले रंग की मिठाई, फल, फूल और वस्त्र अर्पित करें, पूजा करने के दौरान भगवान विष्णु को लाल चंदन लौंग सुपारी नारियल भी अर्पित कर सकते हैं. यह काफी शुभ माना जाता है. उसके दौरान ही जो इंसान इस दिन व्रत रखना चाहता है, वह व्रत रखने का प्रण लें.

इस दिन रखा जाता है निर्जला व्रत: एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखना होता है. इसलिए पूरे दिन कुछ भी ग्रहण न करें. व्रत के दौरान भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें और भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी गुणगान करें. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ एकादशी व्रत की कथा अवश्य पढ़ें. जो काफी फलदायी मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के लिए आप कीर्तन का कार्यक्रम भी रख सकते हैं. सुबह शाम आप भगवान विष्णु को प्रसाद का भोग लगाएं और पारण के समय भगवान विष्णु को भोग लगाने के बाद ब्राह्मण, गरीबों और गाय को भी भोजन कराएं. अपनी क्षमता अनुसार गरीबों का ब्राह्मणों को दक्षिणा भी दें. उसके बाद फिर अपने व्रत का पारण कर ले.

एकादशी के दिन ना करें ये काम:एकादशी व्रत के दिन कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है. अगर आप यह सावधानियां नहीं बरतेंगे तो आप पर व्रत का विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है. जिसकी वजह से आपको और आपके परिवार को नुकसान हो सकता है. पुण्य कमाने की चाह में आपको पाप भी लग सकता है. एकादशी के दिन जो भी इंसान व्रत रख रहा है, उसके परिवार को भूल कर भी चावल नहीं खाने चाहिए. व्रत के दौरान किसी को भी कटु वचन नहीं बोलने चाहिए और ना ही इस दिन क्रोध करना चाहिए. इस दिन आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए. अगर आपके परिवार में से कोई एकादशी का व्रत रख रहा है तो एकादशी के दिन आपके परिवार में मदिरा या मांस का सेवन नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो भगवान विष्णु उनसे रुष्ट हो जाते हैं.

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Last Updated : Sep 10, 2023, 6:22 AM IST

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