करनाल: उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से करनाल में इंजेक्शन, ऑक्सीजन, सिलेंडर की कालाबाजारी की सूचना मिल रही थी जिस पर सोमवार को खाद्य एवं औषधि विभाग के जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी रितु मेहला द्वारा कई दवा विक्रेताओं पर छापेमारी की गई है.
ये भी पढ़ें:रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी: 25 हजार रुपये में बेचा जा रहा है 4 हजार वाला इंजेक्शन
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा करनाल के सभी दवा विक्रेताओं को हरियाणा सरकार और भारत सरकार की गाईडलाइंस के अनुसार जो रेट लिस्ट निर्धारित किए गए हैं, उसमें वो रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लस मीटर, सैनिटाइजर, मास्क और अन्य जरूरी दवाईयों की रेट लिस्ट निर्धारित की हुई है.
भारत सरकार द्वारा निर्धारित इस रेट लिस्ट की कॉपी दवा विक्रेताओं को दवा विक्रेता एसोसिएशन के माध्यम से सूचित किया गया कि वो अपने काउंटर पर लगाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि इस बारे में पत्र लिख कर हिदायत दी गई है कि जिस भी मरीज को दवा विक्रेता या हॉस्पिटल की फार्मेसी इंजेक्शन सेल करेगी उससे पहले कुछ डॉक्यूमेंट जैसे कि डॉक्टर द्वारा जारी पर्ची, मरीज का आधार कार्ड और उसकी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मरीज को पहले जमा करानी होगी और जो फार्मेसी या दवा विक्रेता ने किस मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया, इसका भी रिकॉर्ड उनको अपने पास रखना होगा.
ये भी पढ़ें:रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई: रोहतक उपायुक्त
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि डॉक्टर द्वारा मरीज को दी गई पर्ची का दोबारा से प्रयोग ना हो और एक ही पर्ची पर मरीज दोबारा दवाई ना ले सके इसलिए दवा विक्रेता को उस पर स्टैंप लगाकर भी देना विभाग की हिदायत में शामिल है, ताकि आम नागरिक को पता हो कि किस कंपनी का सरकार द्वारा क्या रेट निर्धारित है और दवा विके्रता उसको किस रेट पर दे रहा है.