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करनाल: बाढ़ में डूब गया घर तो पेड़ पर चढ़ गया परिवार, रात 2 बजे हेलिकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू

यमुना में अचानक पानी बढ़ने की वजह से, करनाल के इंद्री इलाके के गांव गढ़पुर टापू के रहने वाले 9 सदस्यों का एक परिवार बाढ़ में फंस गया. इस परिवार को बचाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

2 बजे रात हेलिकॉप्टर से परिवार को किया गया रेस्क्यू

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Published : Aug 19, 2019, 4:37 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 11:24 PM IST

करनाल: देश के कई इलाके बाढ़ से जूझ रहे हैं. उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक बाढ़ से हाहाकार है. नदियां उफान पर हैं. वहीं नदियों के किनारे वाले हरियाणा के शहर भी बाढ़ से प्रभावित हैं.

सुनिए रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में करनाल उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने ईटीवी से क्या कहा

लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं, लेकिन नदियों का पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है. यमुना में अचानक पानी बढ़ने की वजह से करनाल के इंद्री इलाके के गांव गढ़पुर टापू के रहने वाले 9 सदस्यों का एक परिवार जो नदी के बीच छान बनाकर रह रहे थे, बाढ़ में फंस गया.

यमुना में छोड़ा जा रहा है लगातार पानी
भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. यमुना का जलस्तर सोमवार सुबह 6 बजे 204.40 मीटर रिकॉर्ड किया गया है. खतरे का स्तर 205.33 मीटर है. पिछले 12 घंटों के अंदर हथनीकुंड बैराज से करीब 21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. रविवार शाम 6 बजे करीब 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके बाद रात 9 बजे करीब 7 लाख क्यूसेक और तड़के 1 बजे 4.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. सोमवार सुबह 2.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया.

आईआरबी को करनी पड़ी मशक्कत
रात के समय इतना पानी नदी में बढ़ जाने की वजह से आईआरबी के जवानों की तरफ से नाव से बचाव का प्रयास किया गया, लेकिन असफल रहा. इसके बाद मुख्य सचिव ने सहारनपुर के सरसावा में एयरफोर्स स्टेशन से संपर्क किया. परिवार के सदस्यों में से एक के पास मोबाइल फोन था, जिससे लोकेशन ट्रैस कर सही जगह के बारे में पता किया गया.

देर रात किया गया एयर लिफ्ट
करनाल उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि फंसे हुए परिवार के सभी सदस्यों को रात में लगभग 2:45 बजे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के जरिए एयरलिफ्ट किया गया. ये रेस्क्यू खराब मौसम, रात की स्थिति और परिवार के अनिश्चित स्थान को देखते हुए एक जोखिम भरा ऑपरेशन था.

पानी 4 फीट ऊंचा हो गया था और बचाव दल के पहुंचने तक उन्हें खुद को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा. इस बचाव अभियान में नागरिक और सैन्य एजेंसियों का अच्छा समन्वय देखने को मिला.

Last Updated : Aug 20, 2019, 11:24 PM IST

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