करनाल: जिले की अनाज मंडियों में बड़े पैमाने पर हुए धान खरीद घोटाले (paddy scam in karnal) और गेट पास गड़बड़ियों पर सरकार ने सख्त कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. जुडला व असंध की मंडियों के बाद अब सरकार ने करनाल मंडी के 8 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. अब दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है. इन अनियमितताओं के उजागर होने के बाद प्रशासन अब राइस मिलर्स और आढ़तियों को शिंकजे में लेने की तैयारी में है.
धान घोटाले पर सरकार का एक और एक्शन देखने को मिला. करनाल मंडी के सुपरवाइजर अश्विनी मेहरा, दीपक त्यागी, जयप्रकाश और 4 ऑक्शन रिकॉर्डर सुरेश, प्रदीप श्योराण, प्रदीप मलिक व सोमबीर सहित सचिव-कम-ईओ सुंदर सिंह को निलंबित कर दिया गया. जल्द ही असंध मंडी घोटाले के दोषियों पर भी कार्रवाई हो सकती है. धान उठान के दौरान स्कूटर व कारों के नंबर वाले वाहनों तक के गेट पास काटे गए. एक महीने पहले जुडला मार्केट मंडी सचिव पवन चोपड़ा और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दो कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया था.
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कृषि मंत्री जेपी दलाल के आदेश के बाद जिला उपायुक्त अनीश यादव ने मार्केट मंडी बोर्ड को मंडियों का रिकॉर्ड खंगालने के आदेश दिए. करनाल मंडी में (paddy scam in karnal) गड़बड़ियों में मिलीभगत के आरोपी स्टाफ की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है. पवन चोपड़ा के निलंबन के बाद इंद्री के मंडी सचिव सुंदर सिंह को करनाल का चार्ज दिया गया था. उधर,धान घोटाले में आरोपी मार्केटिंग मंडी बोर्ड सचिव पवन चोपड़ा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से निलंबित इंस्पेक्टर संदीप व सब-इंस्पेक्टर गौरव पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जुंडला मंडी में घोटाले के दौरान दोनों पर मिलीभगत करने का आरोप था. विभाग ने उन्हें तुरंत प्रभाव से पद से हटाते हुए मुख्यालय बुला लिया था.