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करनाल में 4 लाख पशुओं के लिए महज 34 वेटनरी डॉक्टर, पशुपालकों से मोटी रकम वसूल रहे निजी डॉक्टर - karnal news

करनाल में पशुओं के डॉक्टरों की काफी कमी है. जिसके चलते इलाज के नाम पर पुशपालकों को प्राइवेट डॉक्टरों को मोटी रकम चुनानी पड़ती है. मौजूदा समय में केवल 34 डॉक्टर हैं और 19 पद खाली हैं. पूरे करनाल जिले में करीब 4 लाख पशु हैं.

karnal Veterinary doctors
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Published : Feb 4, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 9:23 PM IST

करनाल:आबादी बढ़ने के साथ ही दूग्ध उत्पादों की मांग भी बेतहाशा बढ़ रही है. ये मांग तब पूरी होगी जब जानवरों की संख्या बढ़ेगी. हरियाणा कृषि प्रधान होने के साथ ही पशुधन प्रधान प्रदेश भी रहा है. यहां का पशुधन पूरे देश में जाना जाता है, लेकिन जानवरों की बढ़ती संख्या के साथ ही इनकी देखभाल बड़ी चुनौती है.

करनाल में 4 लाख पशुओं के लिए महज 34 वेटनरी डॉक्टर, देखें वीडियो

ईटीवी भारत ने सीएम सिटी करनाल में इसकी पड़ताल की तो पता चला सरकारी डॉक्टरों का टोटा है. जिसके चलते इलाज के नाम पर पुशपालकों को प्राइवेट डॉक्टरों को मोटी रकम चुनानी पड़ती है.

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पशुपालकों के मुताबिक करनाल के नीलोखेड़ी ब्लॉक के अंदर 30 से 40 गांव आते हैं. एक डॉक्टर के पास कई गांव के चार्ज हैं. जिसके चलते समय पर सरकारी डॉक्टर नहीं मिलते. पशुओं की बड़ी संख्या होने के कारण पशुधन मालिक अपने जानवरों का टीका भी निजी डॉक्टरों से लगवाते हैं.

करनाल में पशुधन

4 लाख पशुधन पर महज 34 डॉक्टर

लोगों के आरोपों की तस्दीक करने के लिए ईटीवी ने करनाल पशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ धर्मेंद्र से संपर्क किया. डॉक्टर धर्मेंद्र के जवाब के मुताबिक डॉक्टरों की कमी तो है. उनके मुताबिक करनाल में 53 पशु चिकित्सालय हैं, लेकिन मौजूदा समय में केवल 34 डॉक्टर हैं और 19 पद खाली हैं. पूरे करनाल जिले में करीब 4 लाख पशु हैं. हलांकि इसके बावजूद उनका दावा है कि एक फोन कॉल पर लोगों को घर जाकर सुविधा दी जाती है.

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हरियाणा दूध उत्पादन में देश के सबसे अगड़े राज्यों में आता है. यहां की मुर्रा नस्ल की भैंसें देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में जानी जाती हैं. पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार हैं. लेकिन बढ़ती संख्या के साथ उनकी देखभाल किसानों के लिए चुनौती हैं. सरकार को पशुओं के लिए ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 9:23 PM IST

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